नोवामुंडी में वार्षिक पुष्प प्रदर्शनी का शुभारंभ

सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। टाटा स्टील ओएमक्यू डिवीजन द्वारा 19 जनवरी को आयोजित बहुप्रतीक्षित 32वां वार्षिक पुष्प एवं सब्जी प्रदर्शनी को नोवामुंडी एमई स्कूल ग्राउंड में शुरू किया गया।

वाईस प्रेसिडेंट (रॉ मटेरियल्स) टाटा स्टील डीबी सुंदर रामम ने डीबी सैलजा रामम, सुरभि भटनागर, अतुल भटनागर, जेनरल मैनेजर (ओएमक्यू) टाटा स्टील और अन्य अधिकारियों तथा गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में कार्यक्रम का उद्घघाटन किया।

पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में नोवामुंडी टाउनशिप के रहिवासियों, स्थानीय किसानों और संगठनों द्वारा आगंतुकों के लिए विभिन्न फूलों और सब्जियों को प्रदर्शित किया गया था। यहां संस्थागत प्रदर्शन और व्यक्तिगत श्रेणियों के तहत कुल 38 स्टॉल लगाए गए। जिंदल स्टील एंड पावर तथा स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) जैसी कंपनियों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया।

इस अवसर पर रंग-बिरंगे गमलों में तरह-तरह के फूलों को अलग-अलग आकार में सजाया गया, जो इस आयोजन का मुख्य आकर्षण रहा। कोविड के कारण दो साल के अंतराल के बाद आयोजित इस कार्यक्रम की लोकप्रियता का प्रमाण सभी उम्र के गणमान्य जनों की भारी संख्या में उपस्थिति से मिल रहा था।

रंगोली प्रतियोगिता में स्कूली छात्र-छात्राओं ने भी हिस्सा लिया।ज्यादातर पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां जिला के हद में विभिन्न प्रखंडों के किसानों ने जैविक फूलगोभी, हरी मटर, गोभी, ब्रोकली, मशरूम, शिमला मिर्च और टमाटर बेचकर अच्छा कारोबार किया।

टाटा स्टील फाउंडेशन (टीएसएफ) से जुड़े किसानों और स्थानीय समूहों ने भी अपनी कलाकृतियों और लाख निर्मित कार्यों को प्रदर्शित किया, जिसने आगंतुकों का दिल जीत लिया। तीन दिवसीय प्रदर्शनी को लेकर कार्यक्रमों और कार्यशालाओं की एक श्रृंखला तैयार की गई है, जो प्रकृति प्रेमियों के लिए एक वरदान साबित होगी।

प्रदर्शनी के दौरान कृषि विज्ञान केंद्र जगन्नाथपुर के वैज्ञानिकों द्वारा हॉर्टिकल्चर, बागवानी, बोन्साई, चारा तैयार करने, फलदार वृक्षारोपण, लाख और मशरूम की खेती पर कार्यशाला आयोजित की जाएगी। छात्रों के लिए जनजातीय नृत्य और ललित कलाओं पर कार्यशाला भी तीन दिवसीय कार्यक्रम का हिस्सा हैं।

निर्णायकों द्वारा विभिन्न श्रेणियों के तहत प्रदर्शनों का मूल्यांकन किया जाएगा, जिसका पुरस्कार वितरण समापन दिवस के अवसर पर आयोजित किया जाएगा। अंतिम दिन आसपास के विद्यालयों के छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति की जाएगी।

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