एक ही रात में चोरों ने दो मंदिरों को बनाया निशाना, सवालों के घेरे में पुलिस प्रशासन

सिद्धार्थ पांडेय/चाईबासा (प. सिंहभूम)। ओड़िशा राज्य के क्योंझर जिला के झारखंड सीमा से सटे बोलानी में एक ही दिन में दो मंदिरों में चोरी और खनन क्षेत्रों में बढ़ते आपराधिक गतिविधियों से एक ओर साधारण जनजीवन हताश हो रहे हैं। वहीं स्थानीय पुलिस की कार्यप्रणाली पर संदेह जताया जा रहा है।

इस प्रकार की घटना के बाद पुलिस की निष्क्रियता के कारण स्थानीय क्षेत्र में हत्या, दुराचार, जानलेवा हमले, गुंडागर्दी और चोरी जैसी आपराधिक घटनाएं निरन्तर बढ़ रही हैं। इसी कड़ी में बीते 30 मार्च की रात बोलानी गोपबंधु मार्ग के निकट एक जलपान की दुकान से नकदी और विभिन्न खाद्य सामग्री की चोरी होने, अगले दिन 31 मार्च की रात शांतिनगर स्थित हनुमान मंदिर और शिरिडी साईं मंदिर में चोरों ने मुख्य द्वार का ताला तोड़कर लूट को अंजाम दिया।

बदमाशों ने साई मंदिर में घुसकर दान पेटी तोड़ी और सारे पैसे निकाल लिये। चोरो ने मंदिर में रखे कई कीमती सामान पर भी हाथ साफ किया। इसी प्रकार हनुमान मंदिर का ताला न तोड़ पाने पर भी चोरों ने भण्डारों के ताले तोड़कर चोरी का प्रयास किया।

शिर्डी साई मंदिर संचालक वी. दास ने बताया कि वह रात्रि 10 बजे साई बाबा की पूजा अर्चना कर अपने निवास स्थान चले गए। सुबह मन्दिर पहुंचने के बाद देखा कि मंदिर के पीछे के दरवाजे में लगा ताला टुटा हुआ था।

अंदर जाकर देखा तो दानपत्र के भी ताले टुटे थे। साथ हीं दानपात्र से सारे रूपये पैसे गायब थे। मंदिर संचालक के अनुसार दानपात्र में लगभग पैंतीस से चालीस हजार रूपये होगे। एक अप्रैल की प्रात: घटना की सूचना बोलानी पुलिस को देने के बाद पुलिस द्वारा घटनास्थल पर पहुंच जांच शुरू किया गया। पुलिस द्वारा हनुमान मंदिर से चोरों द्वारा उपयोग में लिए सब्बल को जब्त किया।

बताया जाता है कि बीते एक अप्रैल की संध्या साई बाबा मंदिर संचालक बिपद दास ने बोलानी थाना में लिखित शिकायत दर्ज किया। वहीं हनुमान मंदिर प्रबंध समिति सचिव अरविंद साही ने पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए कहा कि बोलानी थाना में आपराधिक घटनाओं के पीड़ितों द्वारा लिखित शिकायत के बाद भी स्थानीय पुलिस अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।

स्थानीय बुद्धिजीवियों का कहना है कि बोलानी झारखंड राज्य के माओवादी गतिविधि क्षेत्र से सटे होने के लिहाज से संवेदनशील थाना बन गया है। यहां इंस्पेक्टर जैसे महत्वपूर्ण पद महीनों से रिक्त है। इंस्पेक्टर की अनुपस्थिति में थाने का संचालन एक सब इंस्पेक्टर द्वारा किये जाने से आये दिन अपराधी बेखौफ होकर अवैध गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।

इसके अलावा पुलिस की गश्ती दल भी नहीं होने से स्थानीय रहिवासी स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। स्थानीय रहिवासियों ने यहां आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए इंस्पेक्टर पद को तुरंत भरने और पुलिस को और अधिक सक्रिय करने की मांग दोहराई है।

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