टाटा स्टील फाउंडेशन की मदद से सौर ऊर्जा में परिवर्तित केंदुडीही गांव

पीयूष पांडेय/बड़बिल (ओडिशा)। क्योंझर जिला के हद में जोड़ा ब्लॉक के केंदुडीही गांव को टाटा स्टील फाउंडेशन की मदद से सौर ऊर्जा गांव में बदल दिया गया है।

जानकारी के अनुसार टाटा स्टील फाउंडेशन की इस पहल के तहत, गांव के सभी 70 घरों को सौर ऊर्जा और चार लाइट बल्ब, एक टेबल फैन और चार्जिंग उपकरण प्रदान किए गए हैं।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन क्योंझर डीएफओ धनराज हनुमंत धमधेरा ने किया। कार्यक्रम में टाटा स्टील के कलामांग मिहालपाड़ा प्रोजेक्ट हेड दीपक बेहरा के साथ बड़बिल के रेंज ऑफिसर रंजन कीड़ो, चेयरमैन कविंद्र नायक भी उपस्थित थे।

उद्घाटन कार्यक्रम में जोड़ा ब्लॉक, ग्वाली ग्राम पंचायत के सरपंच विद्याधर नायक, केंदुडीही गांव के सभी वार्ड सदस्य और टीएसएफ के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। इस अवसर पर डीएफओ धमधेरा ने टाटा स्टील फाउंडेशन की इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि टाटा स्टील फाउंडेशन की इस सौर पहल के तहत केंदुडीही गांव में 15 स्ट्रीट लाइटें लगाई गई है।

साथ हीं सौर ऊर्जा द्वारा संचालित 5000 लीटर क्षमता के पांच जल वितरण बिंदु स्थापित किए गए हैं। जिससे क्षेत्र में पानी की समस्या का समाधान किया गया है। इस संबंध में केंदुडीही गांव के मणि मुंडा कहते हैं कि, टाटा स्टील फाउंडेशन की ऐसी अनूठी पहल ने इसे एक आदर्श गांव में बदल दिया है। यह हमारे लिए गर्व और सम्मान की बात है। उन्होंने बताया कि यह गांव जंगल के करीब होने के कारण यहां हमेशा हाथियों और उनकी गतिविधियों का बोलबाला रहता है।

आयेदिन हाथी उनके फसलों को भी नष्ट कर देता है। इस सौर प्रकाश से उनकी गतिविधियों को काफी हद तक कम किया जा सकता है और मानव-पशु संघर्ष को भी काफी हद तक रोका जा सकता है।
गांव के प्रफुल्ल नाइक कहते हैं कि इस प्रकाश व्यवस्था के बाद सभी ग्रामीण अब सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। अब वे रात में भी स्वतंत्र रूप से घूम सकते हैं तथा सामाजिक गतिविधियों में भाग ले सकते हैं।

विशेष रूप से यहां की महिलाएं इस बड़े बदलाव का लाभ उठा सकती हैं। वे सूर्यास्त के बाद बिना किसी डर के घूम सकती हैं। जानकारी के अनुसार केंदुडीही गांव में इन सुधार कार्यों के अलावा टाटा स्टील फाउंडेशन ने जल संरक्षण योजनाओं, वर्षा जल संचयन, बुनियादी ढांचे के विकास और आजीविका में सुधार के लिए कई परियोजनाएं शुरू की हैं।

खेल के मैदान के उपकरण, वर्षा जल संचयन योजना, बकरी घरों के निर्माण के लिए सभी सहायता प्रदान की जा रही है। महिला स्वयं सहायता समूह, किचन गार्डन और सब्जी की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।

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