डेफोडील में ह्यूमैनिटी प्रोग्रेसिव हैंड फाउंडेशन का शुभारंभ

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। जिला मुख्यालय बोकारो के सेक्टर वन स्थित सिटी पार्क डेफोडिल में 10 फरवरी को ह्यूमैनिटी प्रोग्रेसिव हैंड फाउंडेशन का शुभारंभ किया गया।

इस अवसर पर एचपीएच के सदस्यों ने निदेशक सत्या मिश्रा को गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया। निदेशक मिश्रा ने दूर दराज से आए सुदूरवर्ती इलाकों के रहने वाली ग्रामीण महिलाओं का स्वागत कर कार्यक्रम को आगे बढ़ाया।

उन्होंने इस संस्थान के बारे में बताया कि यह संस्था विशेष कर ग्रामीण महिलाओं के लिए है, जिसका उद्देश्य आमजनों तक स्वास्थ संबंधी सहायता पहुंचाना और स्वास्थ्य बीमा भी इसका प्रमुख उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि सैनिटरी पैड बनाकर ग्रामीण महिलाओं को रोजगार उपलब्ध करवाना स्वावलंबी आत्मनिर्भर भारत की ओर ग्रामीण महिला को अग्रसर करना इस संस्था का उद्देश्य है।

इससे महिला जागरूक होगी और उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा।
मिश्रा ने बताया कि सेनेटरी पैड बनाने का विचार उनके मन में इसलिए आया कि आज के इस साफ सफाई हाईटेक और हाइजीनिक युग में ग्रामीण महिलाएं बाजार का सैनिटरी पैड का इस्तेमाल नहीं कर पाती है, क्योंकि वे पूरी तरह से असंतुष्ट व् संकोची होती है।

इसलिए हमारी संस्था इस कांसेप्ट को लेकर आयी है, ताकि महिलाएं खुद से बनाकर इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा कि एक कहावत है कि पहले इस्तेमाल करें, फिर विश्वास करें। इसीलिए हमारी संस्था ने इस मुहिम को चलाया और सभी गांव की महिलाओं को इस रोजगार से जोड़ने का काम कर रही है, ताकि वे इस वातावरण में साफ और सुरक्षित रह सके।

उन्होंने बताया कि हमलोगों ने इसमें स्वास्थ्य के लिए एक जागरूकता कार्यक्रम भी किया और स्वास्थ्य बीमा भी लेकर आई है। हमारा उद्देश्य है कि भारत के निम्न स्तर के रहिवासी तक स्वास्थ्य संबंधी सहायता पहुंच सके। क्योंकि, आज के व्यस्त जीवन शैली का सबसे ज्यादा बुरा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है।

आमदनी कम होने के कारण गरीब गुरबे अस्पतालों का खर्च नहीं उठा पाते हैं। संस्था इसके लिए साल भर का स्वास्थ्य बीमा देती है, जिसमें कुछ चार्ज भी है। दूसरा उन महिलाओं के लिए है जो गर्भवती है और प्रसव के दौरान जब उन महिलाओं को अस्पताल ले जाया जाता है। उनका ऑपरेशन द्वारा प्रसव कराया जाता है।

उस समय तत्काल उनके पास बड़ी रकम नहीं होने के कारण बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में हमारी संस्था उन महिलाओं को प्रसव के समय मदद के रूप में कुल दस हजार रुपए देती है, जिसमे ₹7000 प्रसव के वक्त मुहैया करायी जाती है। शेष रकम 3 महीने के बाद महिलाओं को दिया जाता है। संस्था अभियान के तहत गांव के सभी महिलाओं को मुफ्त में सेनेटरी पैड देने का भी काम करती है।

मिश्रा ने कहा कि जिन ग्रामीण महिलाओं को रोजगार चाहिए, उनको संस्था रोजगार भी मुहैया कराएगी। स्वास्थ बीमा के बारे में बताया कि संस्था कैशलेस ट्रीटमेंट और मेडिक्लेम की सुविधा देती है। सदस्यता के रूप में ली गयी दान राशि अस्पताल के खर्चे में उपयोग किया जाता है। कार्यक्रम में निशा वर्मा, कुमार कृष्णानंद, रविंदर झा, मनीष, रवि मिश्रा, रितेश, सिराज़ खान, विश्वनाथ नायक, शिला देवी, ललिता देवी सहित तमाम सदस्यगण उपस्थित थे।

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