राजा बखरी खंडहर पुनरुद्धार के लिए इंटेक ओड़िशा सरकार से मांगेगा फंड

पीयूष पांडेय/बड़बिल (ओडिशा)। इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (इंटेक) ओडिशा के संबलपुर शहर में ऐतिहासिक राजा बखरी (राजा का महल) के नवीनीकरण के लिए राज्य सरकार से धन मांगने की योजना बना रहा है। यह वास्तुशिल्प चमत्कार संबलपुर के गौरवशाली इतिहास का प्रमाण है।

जानकारी के अनुसार ऐतिहासिक राजा बखरी का निर्माण 17वीं सदी की शुरुआत में राजा छत्र साई ने कराया था। राजा बखरी के दो मंजिला इमारत में लगभग 40 कमरे हैं। इतिहास के शोधकर्ताओं के अनुसार सुरेंद्र साई सन् 1857 में अपने 1,500 समर्थकों के साथ संबलपुर में प्रवेश करते समय कुछ दिनों के लिए इस महल में रुके थे। इसके अलावा भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान राजा बखरी में स्वतंत्रता सेनानियों ने राष्ट्रीय ध्वज लहराया था।

संबलपुर इंटेक चैप्टर के सदस्य दीपक पांडा के अनुसार बिना रख-रखाव के उक्त ऐतिहासिक महल बेहद संकट में है। ऐतिहासिक इमारत की पहली मंजिल जहां बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है, वहीं भूतल भी जर्जर हालत में है। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में महल के प्रमुख क्षेत्रों में तोड़फोड़ की गई है।

इंटेक चैप्टर सदस्य पांडा ने कहा कि वे वर्तमान में संबलपुर शहर में विक्टोरिया टाउन हॉल और असमिया साहित्य के प्रमुख लक्ष्मीनाथ बेजबरोआ के घर का नवीनीकरण कार्य कर रहे हैं। दोनों परियोजनाओं का काम जल्द पूरा हो जायेगा। अब राजा बखरी के जीर्णोद्धार के लिए सरकार को एक प्रस्ताव सौंपने की योजना बना रहे हैं। यह चल रही परियोजनाओं के पूरा होने के तुरंत बाद ऐतिहासिक महल पर बहाली का काम शुरू करने में सक्षम होगा।

पांडा ने कहा कि इससे पहले वर्ष 2015 में, इंटेक ने राज्य सरकार को अनुमानित 2.5 करोड़ रुपये में राजा बखरी के लिए एक नवीकरण प्रस्ताव प्रस्तुत किया था। हालांकि, मौजूदा स्थिति को देखते हुए ऐतिहासिक महल के सफल जीर्णोद्धार के लिए संशोधित प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाएगा।

बताया जाता है कि एक समय उक्त इमारत को पुनर्स्थापित करने और उपयोग करने के लिए महल को लेडी लुईस गर्ल्स हाई स्कूल के छात्रावास में बदलने का प्रस्ताव दिया गया था। वर्ष 2017 में संबलपुर प्रेस क्लब ने कुछ अन्य सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर राजा बखरी पैलेस के परिसर को साफ करने की पहल की थी। सफाई अभियान लगातार तीन सप्ताहांतों तक चलाया गया। उसके बाद परिसर का उपयोग योग सत्रों के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए किया गया।

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