बाल दिवस पर ओड़िशा सरकार ने बच्चों को दी सौगात

पीयूष पांडेय/बड़बील (ओड़िशा)। ओड़िशा सरकार ने बीते 14 नवंबर को बच्चों को उनके जीवन के पहले 1,000 दिनों में माता-पिता द्वारा बनाए गए खिलौनों से जोड़ने सहित विभिन्न माध्यमों से उनके मस्तिष्क के विकास में मदद करने के लिए एक योजना शुरू की है। बाल दिवस पर शुरू किया गया कार्यक्रम अमा कुनिपिला (हमारे बच्चे) महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) विभाग द्वारा तैयार किया गया।

ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि बच्चे देश की ताकत हैं। यदि बच्चों को बुद्धि प्रदान की जाए तो देश की तरक्की में अहम भूमिका निभा सकते हैं। इस संबंध में विभाग ने एक बयान में कहा है कि एक बच्चे के पहले 1000 दिन जबरदस्त क्षमता और भारी कमजोरी दोनों की अवधि होती है।

क्योंकि, इसका बच्चे के बढ़ने, सीखने और बढ़ने की क्षमता पर गहरा प्रभाव पड़ता है। अमा कुनिपिला स्थापित करने का एक अभियान है। आने वाले समय में इस योजना को और मजबूत तरीके से आगे बढ़ाएगे।

ओडिशा में अनुसूचित जनजातियां अब गैर-आदिवासियों को बेच सकती हैं जमीन

एक अन्य जानकारी के अनुसार ओडिशा सरकार ने बीते 14 नवंबर को आदिवासियों की जमीन से संबंधित कानूनों को आसान बनाने का फैसला किया, ताकि वे उसे गैर-आदिवासियों को बेच सके।

राज्य मंत्रिमंडल ने उड़ीसा अनुसूचित क्षेत्र अचल संपत्ति हस्तांतरण (अनुसूचित जनजातियों द्वारा) विनियमन, 1956 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, जो अनुसूचित क्षेत्रों में एसटी के स्वामित्व वाली भूमि को गैर-आदिवासियों को हस्तांतरित करने पर रोक लगाता है।

हालाँकि, इस नियमावली में एक शर्त है कि इस तरह के स्थानांतरण के बाद व्यक्ति भूमिहीन नहीं होना चाहिए। ओड़िशा सरकार के नए प्रस्ताव के अनुसार, एसटी समुदाय का एक सदस्य उप-कलेक्टर की लिखित अनुमति के साथ कृषि या औद्योगिक उद्देश्यों के लिए किसी गैर-आदिवासी को भूमि पार्सल हस्तांतरित कर सकता है।

व्यक्ति सार्वजनिक प्रयोजन के लिए भूमि उपहार में दे सकता है या विनिमय कर सकता है या कृषि, आवासीय घर के निर्माण, बच्चों की उच्च शिक्षा, स्व-रोज़गार या व्यवसाय के लिए किसी सार्वजनिक वित्तीय संस्थान में बंधक सुरक्षित कर ऋण प्राप्त कर सकता है।

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