मुंबई। आरे कॉलोनी में मेट्रो 3 कारशेड के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। कारशेड के विरोध में मुंबई हाईकोर्ट में दायर याचिका को कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है। एमएमआरडीए के आश्वासन के बाद कोर्ट ने याचिका ख़ारिज की है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि आश्वासन की पूर्ति नहीं होने पर मनपा को योग्य कार्रवाई करने का आदेश दिया है। कार शेड की हरी झंडी मिलने के बाद कुलाबा से सिप्ज के बीच बन रही मेट्रो 3 के काम को और रफ्तार मिलेगी।
आरे कॉलोनी में कार शेड निर्माण के लिए पेड़ काटे जाने का स्थानीय व पर्यावरण प्रेमियों ने विरोध किया था। पेड़ कटने की वजह से पर्यावरण पर असर होने का दावा किया गया था। यह तर्क देते हुए पर्यावरण प्रेमियों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। गौरतलब है कि आरे कॉलोनी में कार शेड निर्माण के लिए सरकार ने 33 एकड़ जमीन का चयन किया है। आंकड़ों के मुताबिक कारशेड निर्माण के दौरान करीबन 2 हजार पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलने वाली है। मेट्रों- 3 प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए एमएमआरसीएल मार्ग में आने वाले 1 हजार 70 पेड़ों को काटने वाली है।
जबकि 1 हजार 727 पेड़ों का पुनर्रोपण किया जाएगा। 33.5 किलोमीटर लंबी कुलाबा बांद्रा और सिप्ज के बीच चलने वाली भूमिगत मेट्रो देश की पहली सबसे लंबी दूरी वाली मेट्रो ट्रेन है। जिसका काम वर्ष 2021 तक पूरा करने की योजना सरकार ने तैयार की है। लोगों को ट्रैफिक की समस्या से निजात दिलाने वाली इस परियोजना पर कुल 23 हजार 126 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। 27 स्टेशनों वाले मेट्रो 3 कॉरिडोर में 26 स्टेशन भूमिगत होंगे जबकि केवल 1 स्टेशन ही जमीन पर होगा। प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद यात्री कफ परेड से सीप्ज केवल 30 मिनट में पहुंच जाएंगे।
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