समतामूलक समाज के जनक थे बुद्ध


सीवान। जीरादेई प्रखंड के तीतिरा टोले के बंगरा गांव में स्थित तीतिर स्तूप पर धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस पारंपरिक रूप से मनाया गया। इस अवसर पर अधिवक्ता गणेश बौद्ध ने त्रिरत्न का उच्चारण कराकर त्रिशरण व पंचशील के महत्व को सरल शब्दों में विस्तार से बताया। ताकि आम व खास लोग आसानी से समझ सकें।

अधिवक्ता गणेश बौद्ध ने बताया कि बुद्ध वैज्ञानिक थे उनका बताया सिद्धान्त दुःख का निवारक है, जो युग युगांतर तक चलेगा। बौद्ध ने बताया कि अपने आप को समझने का सही तरीका महज बुद्ध की शरण मे आना है। शोधार्थी कृष्ण कुमार सिंह ने बताया कि बुद्ध समतामूलक समाज के जनक थे तथा दलित उत्थान का पहला बीजारोपण उन्होंने ही किया था। उन्होंने बताया कि बुद्ध को जानने का मतलब अपने आप को पूरी तरह समझ लेना।

उन्होंने बताया कि बुद्ध धम्म के अनुयायियों के लिये आज का दिन स्वर्ण दिवस है। क्योंकि आज के ही दिन वे सिद्धार्थ गृह त्याग किये थे। इसी तिथि को सारनाथ में प्रथम उपदेश दिया था एवं आज से बौद्ध भिक्षुओं का वर्षा प्रवास आरंभ हुआ। इस मौके पर भाजपा नेता विनोद तिवारी मोतीलाल बौद्ध, रजनीश कुमार मौर्य, बब्लू कुशवाहा, मोनू कुमार, माधव शर्मा, हरिशंकर चौहान, कमलेश सिंह, वसंत शर्मा कन्हैया जी नारद शर्मा, किशोर शाह आदि गणमान्य ग्रामीण पूजा में भाग लिए।

 


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