माघी गणेश जयंती पर श्रधालुओं का लगा तांता
मुश्ताक खान/मुंबई। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या वाशी ग्राम सेवा मंडल द्वारा माघी गणेश जयंती का भव्य आयोजन किया गया। प्राचीन काल से चली आ रही इस परंपरा को मंडल द्वारा 1975 से वाशी गांव की चौपाल पर स्थित मंदिर में मनाया जाता है।
इसके आलावा विभिन्न हल्दी कुम -कुम सांस्कृतिक व खेल कूद का आयोजन भी किया जाता है। इस मंदिर में माघ माह के शुक्ल पक्ष की गणेश चतुर्थी को भगवान गणेश की जयंती के रूप में मनाया जाता है। यह जानकारी मंडल के उपाध्यक्ष सदानंद पाटील और सचिव धनंजय ठाकुर ने दी है।
मंडल के पदाधिकारियों के अनुसार प्राचीन परंपराओं के मद्देनजर माघ माह के शुक्ल पक्ष की गणेश चतुर्थी को भगवान गणेश की जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन सुबह से देर रात तक श्रद्धालु भगवान गणेश की कृपा पाने के लिए दर्शन के लिए आते हैं।
मराठी कैलेंडर के अनुसार वाशी ग्राम सेवा मंडल द्वारा आयोजित माघी गणेश जयंती के अवसर पर पारंपरिक रूप से पुरोहित तुषार जोशी पूजा अर्चना कराते हैं, इसके बाद दर्शन के लिए श्रधालुओं को छोड़ा जाता है। यहां श्रधालुओं की लंबी कतार लगती है। वाशीनाका परिसर के वाशी गांव के आलावा दूर दर्ज से भी लोग दर्शन के लिए आते हैं।
इनमें पुरुषों से अधिक महिलाओं की संख्या होती है। इसके आलावा मंडल की ओर से बड़े पैमाने पर भंडारा भी किया जाता है, जिसमें 5 से 7 हजार लोग शुद्ध सहकारी भोजन का आनंद लेते है। इस मंदिर में लगभग हर धर्म के लोग दर्शन के लिए आते हैं।
एक सवाल के जवाब में मंडल के पदाधिकारियों ने कहा कि इस मंदिर में दर्शनार्थियों की भीड़ को गिना नहीं जाता। इसकी स्थापना माणिक बुधजी पाटील ने 1975 में की थी जो अपने समय के नगरसेवक रह चुके हैं।
फिलहाल इस मंडल की देख भाल प्रकाश पाटील, सदानंद पाटील, धनंजय ठाकुर और आनंद गावणे कर रहे हैं। वहीं इसी गांव के रहिवासी दिपक पाटील मंदिर के प्रति समर्पित हैं।
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