मुंबई मेट्रो प्रबंधन के बीच विवाद जारी

साभार/ मुंबई। महानगर मुंबई में जारी मेट्रो परियोजना के निर्माण की लागत को लेकर मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) और मुंबई मेट्रो प्रबंधन के बीच विवाद जारी है। निर्माण की वास्तविक लागत की जांच करने के लिए एमएमआरडीए ने मेट्रो-1 के कैग ऑडिट की मांग की थी। इसी दिशा में कैग अधिकारियों ने निर्माण की लागत से जुड़े दस्तावेज एमएमआरडीए और मुंबई मेट्रो प्रबंधन से मांगे गए थे, जो अब तक नहीं दिए गए हैं। इस संबंध में एमएमआरडीए ने मेट्रो को पत्र लिखकर संबंधित दस्तावेज कैग अधिकारियों को मुहैया कराने की बात कही है।

एमएमआरडीए ने आरोप लगाया है कि परियोजना की लागत केवल 2,300 करोड़ रुपये है, जबकि इस मेट्रो के संचालक मुंबई मेट्रो वन प्रायवेट लिमिटेड (एमएमओपीएल) ने इसकी लागत 4,326 करोड़ रुपये बताई है। एमएमआरडीए ने भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) से इसकी जांच कराने की मांग की है।

इस मुद्दे पर विवाद बढ़ता देख एमएमआरडीए और कैग अधिकारियों के बीच परियोजना के ऑडिट को लेकर बैठक हुई। एमएमआरडीए ने कहा है कि कैग जांच करके मेट्रो-1 की वास्तविक लागत का पता लगाए। बैठक में एमएमआरडीए के अधिकारी ने कहा कि अगर सरकार मेट्रो-1 परियोजना को अपने अधीन लेती है, तो यह जानना बहुत जरूरी है कि परियोजना पर वास्तव में कितना खर्च हुआ।

कैग ऑडिट के लिए मेट्रो प्रबंधन द्वारा विरोध करने की बात एमएमआरडीए अधिकारी ने कही है। एमएमआरडीए आयुक्त आरए राजीव का कहना है कि यदि मेट्रो प्रबंधन ने निर्माण कार्य पर 4300 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, तो वह दस्तावेज मुहैया कराए और कैग ऑडिट कराए।

 

एमएमआरडीए आयुक्त आरए राजीव ने बताया, ‘हमने एमएमारडीए को पत्र के जरिए कैग अधिकारियों को आवश्यक दस्तावेज मुहैया कराने की बात कही है। यदि लागत में 4300 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं तो इसका ब्यौरा देने में प्रबंधन को क्या दिक्कत हो सकती है।’ मुंबई मेट्रो प्रबंधन प्रवक्ता ने इस मामले में कहा, ‘हमें इस तरह का कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। इसलिए हम इस पर कुछ आधिकारिक बयान नहीं दे सकते।’



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