भारतीय ट्रेड यूनियन केन्द्र (सीटू) का तीसरा बोकारो जिला सम्मेलन संपन्न

नई जिला कमिटि में अध्यक्ष बीडी प्रसाद व सचिव बने प्रदीप कुमार विश्वास

केन्द्र सरकार मजदूर विरोधी व कॉरपोरेट घरानों के हित मे कर रही है काम-रामानंदन

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। भारतीय ट्रेड यूनियन केन्द्र (सीटू) का तीसरा बोकारो जिला सम्मेलन 8 नवंबर को जिला के हद में कथारा स्थित स्टॉफ रिक्रियेशन क्लब (Staff Recreation Club) में आयोजित किया गया।

सम्मेलन का उद्घघाटन सीटू के राष्ट्रीय सचिव सह जेबीसीसीआई सदस्य डीडी रामानंदन, एनसीओईए महासचिव आरपी सिंह, सीटू राज्य कार्यकारी अध्यक्ष रामचंद्र ठाकुर, उपाध्यक्ष बीडी प्रसाद, जिलाध्यक्ष भगीरथ शर्मा द्वारा झंडोत्तोलन कर किया गया। इस अवसर पर शहीद वेदी पर माल्यार्पण व एक मिनट का मौन रखकर श्रद्धा सुमन अर्पित की गई।

सम्मेलन की अध्यक्षता सात सदस्यीय अध्यक्ष मंडलीय जिसमें बीडी प्रसाद, भगीरथ शर्मा, एसबी सिंह दिनकर, जयनारायण महतो, विजय भोई, नवी हुसैन, दौलत महतो, मंच संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन बीएंडके क्षेत्रीय सचिव विजय कुमार भोई ने किया।

सम्मेलन के प्रथम सत्र में जिला सचिव प्रदीप विश्वास द्वारा सचिव रिपोर्ट पेश किया गया, जिसमें सीटू के निजाम अंसारी, डीवीसी श्रमिक यूनियन के राजीव कुमार तिवारी, इस्पात यूनियन के केएन सिंह, आरएन सिंह, भूदेव प्रसाद सिंह, आरके गोराई, आउटसोर्सिंग के राकेश कुमार, बीसीकेयू के अनील बाउरी, आईएल के शंकर प्रजापति, ललपनिया ठेका मजदूर के विजय प्रजापति सहित 18 सदस्यों ने बहस में हिस्सा लिया।

सम्मेलन में जिले से लगभग 150 डेलीगेट ने भाग लिया।
मौके पर सीटू के राष्ट्रीय सचिव सह जेबीसीसीआई सदस्य डीडी रामानंदन ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार मजदूर विरोधी व कॉरपोरेट घरानों के हित में काम कर रही है। इसे फासीवादी सरकार का दर्जा दिया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि जो इसके खिलाफ आवाज उठाने का काम करता है उसे ईडी, आईटी के तहत दबाया जाता है। उन्होंने कहा कि पूरे बोकारो जिले में सीटू सदस्यों की संख्या लगभग पांच हजार के आसपास होगी। यह आवश्यकता से काफी कम है। इतने कम से परिवर्तन संभव नहीं है और न ही मेहनत कश मजदूरों, किसानों के हक, अधिकारों को दिलाना संभव है। इसे बढ़ाने के लिए हमें जोश, खरोश के साथ निरंतर बदलाव करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि जिले में सदस्यों की संख्या बढ़ाने के लिए नई कमिटि के सदस्यों को जिम्मेवारी लेनी होगी। उन्होंने 11वां बेज बोर्ड समझौता के संबंध में कहा कि पिछले बेज बोर्ड की अपेक्षा बेहतर होगा। उन्होंने सम्मेलन की सफलता पर आयोजन समिति को बधाई दी।

एनसीओईए महासचिव सह जेबीसीसीआई सदस्य आरपी सिंह ने कहा कि आज देश में परीस्थितियां बदल गई है। मजदूरों व किसानों के उपर रोज हमले हो रहे हैं। सार्वजनिक प्रतिष्ठानों को देश की मोदी सरकार पूंजीपतियों के हांथों बेचने का काम कर रही है।

मजदूरों के एकता एवं साम्प्रदायिक ताकतों को यह सरकार तोड़ने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों से लड़कर मजदूरों ने जो हक-अधिकार प्राप्त किये थे उसे यह सरकार श्रम कानूनों में फेरबदल व लेबर कोड लागू कर उसे छीनने का काम कर रही है। ऐसी परिस्थिति में मजदूरों को एकजुट होने की जरूरत है।

सीटू के राज्य कार्यकारी अध्यक्ष रामचंद्र ठाकुर ने कहा कि आज हमें सीटू के संस्थापक स्व. एमके पंधे से प्रेरणा लेने की जरूरत है। उनके नीति सिद्धांतों पर चलकर ही मजदूरों के अधिकारों की हिफाजत किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज देश विकट परिस्थितियों के दौर से गुजर रहा है।

मजदूरों के जो भी पूर्व में अधिकार प्राप्त थे आज उसे छीना जा रहा है। देश के आजादी की लड़ाई में जिन लोगों की अहम भूमिका नहीं रही वैसे लोग देश की सत्ता में काबिज है। इसके खिलाफ मजदूरों को एकजुट होकर संघर्ष करने की जरूरत है।

जिलाध्यक्ष भगीरथ शर्मा ने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि देश के अंदर विकट परिस्थितियों के बावजूद मजदूरों, किसानों में एक उत्साह देखा जा रहा है। उन्हें अपने हक, अधिकारों के प्रति लड़ना होगा। जनवादी महिला समिति के अध्यक्ष रेणु दास ने कहा कि देश मे मंहगाई बढ़ती जा रही है। इसके खिलाफ एकजुट होकर आंदोलन करने की जरूरत है।

सम्मेलन को इसके अलावा सत्यनारायण महतो, पीसी मेहता, कौलेश्वर रविदास, इकबाल अहमद, पंकज कुमार महतो, खेदु लाल, अख्तर अंसारी, संतोष सिन्हा, देवेन्द्र यादव, सुरेश कमार, बालेश्वर महतो के अलावा बोकारो इस्पात, डीवीसी, आईएल, ललपनिया ठेका श्रमिक सहित कई वक्ताओं ने सम्मेलन में अपने-अपने विचार व्यक्त किए।

सम्मेलन के दूसरे सत्र में पुरानी जिला कमिटि भंग कर नई कमिटि का गठन किया गया, जिसमें सर्वसम्मति से अध्यक्ष बीडी प्रसाद, कार्यकारी अध्यक्ष भागीरथ शर्मा, उपाध्यक्ष जयनारायण महतो, नबी हुसैन, दौलत महतो, उमेश प्रसाद, केएन सिंह, गोवर्धन कुमार, सचिव प्रदीप कुमार विश्वास, संयुक्त सचिव आरके गोराई, विजय भोई, आरएन सिंह, आदि।

सहायक सचिव निजाम अंसारी, पंकज कुमार, कमलेश कुमार गुप्ता, पवन कुमार, कोषाध्यक्ष एसबी सिंह दिनकर, उप कोषाध्यक्ष तस्लीम अंसारी के अलावा 45 कार्यकारिणी सदस्य चुने गए जिसमें सीताराम महतो, रीतलाल प्रजापति, सत्यनारायण महतो, टेकावन यादव, मनोज पासवान, आदि।

शंकर प्रजापति, गौतम राम, कयामुद्दीन, कुणाल कुमार, इकबाल अहमद, अनिल कुमार प्रसाद, मोतीलाल मांझी, महेश प्रसाद सिंह, सुरेश साव, मुनी लाल मांझी, संतोष सिन्हा, घुनू हांसदा, चंद्र शेखर महतो, अजय शर्मा, पप्पू घांसी, नवेदुल हक, अनिल बाउरी, सीताराम कर्मकार शामिल है।

कार्यक्रम के अंत में आरके गोराई द्वारा साम्प्रदायिक ताकतों व लेबर कोड के खिलाफ संघर्ष करने, सार्वजनिक प्रतिष्ठानों को निजीकरण करने पर रोक लगाने, ठेका मजदूरों के शोषण पर रोक लगाने, बंद कोयला खदानों व वाशरियों की चालू करने, 11वां बेज बोर्ड का बैठक जल्द करने, निर्माण, असंगठित मजदूरों को संगठित करने का प्रस्ताव लिया गया। जिसमें सभी ने समर्थन किया।

कार्यक्रम को सफल बनाने में विजय कुमार भोई, निजाम अंसारी, नवेदुल हक, कमलेश कुमार गुप्ता, नवी हुसैन, तस्लीम अख्तर, एके शर्मा, दीनबंधु प्रसाद, अमितेश प्रसाद, अजय कुमार शर्मा उर्फ शशि शर्मा, गोपाल महतो, नरेश राम, मुस्तफा अंसारी, कयामुद्दीन अंसारी, शहजाद अंसारी, मो जमाल, राकेश कुमार, मो खुर्शीद सहित कई सदस्यों का कार्य सराहनीय रहा।

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