सिपारा मध्य विद्यालय में गमला और पौधा का वितरण

फिरोज आलम/जोनामोड़ (बोकारो)। बिहार की राजधानी पटना के मध्य स्थित सिपारा मध्य विद्यालय में 17 अक्टूबर को गमला और पौधा का वितरण किया गया।

राजधानी पटना के मध्य विद्यालय सिपारा में दीदीजी फाउंडेशन की संरक्षक और समाजसेवी विनीता कुमारी ने बच्चों के बीच गमला और पौधा का वितरण किय। उन्होंने उन्हें पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक किया।

राजकीय सम्मान प्राप्त शिक्षिका डॉ नम्रता आनंद के मार्ग दर्शन में मध्य विद्यालय सिपारा के बच्चों के बीच पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूकता अभियान चलाया गया। इस अवसर पर दीदीजी फाउंडेशन की संरक्षक और समाजसेवी विनीता कुमारी ने गमला और पौधा का वितरण किया और बच्चों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक किया।

इस संबंध में नम्रता आनंद ने बताया कि पर्यावरण शब्द ‘परि और आवरण’ के संयोग से बना है। ‘परि’ का अर्थ चारों ओर तथा ‘आवरण’ का अर्थ परिवेश है। पर्यावरण अर्थात वनस्पतियों, प्राणियों और मानव जाति सहित सभी सजीवों और उनके साथ संबंधित भौतिक परिसर को पर्यावरण कहतें हैं। उन्होंने बताया कि, पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाना ही पर्यावरण संरक्षण कहलाता है।

पर्यावरण संरक्षण का मुख्य उद्देश्य भविष्य के लिए पर्यावरण या प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करना है। इस सदी में हम लोग विकास के नाम पर पर्यावरण को लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं। वैज्ञानिक गतिविधियों के कारण पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है।

साथ ही कभी औद्योगिकीकरण के नाम पर तो कभी शहरीकरण के नाम पर पेड़ो की अंधाधुंध कटाई हुई है। बढ़ती जनसंख्या के कारण भी पर्यावरण संकट गहराता जा रहा है।लोगों को वन संरक्षण पर ध्यान देना चाहिए।

समाजसेवी विनीता कुमारी ने कहा कि आज के समय में पर्यावरण असंतुलित हो गया है। बढ़ती आबादी, औद्योगीकरण, प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध इस्तेमाल से आज विश्व का तापमान चिंतित स्तर पर बढ़ रहा है। पर्यावरण के प्रति जागरूकता ना होने के कारण पर्यावरण संरक्षण की समस्या लगातार उत्पन्न हो रही है।

पर्यावरण संरक्षण का विश्व के सभी नागरिकों तथा प्राकृतिक परिवेश से गहरा संबंध है। इसके लिए पर्यावरण को प्रदूषित करने वाले कारणों पर नियंत्रण रखना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण किसी एक व्यक्ति या एक देश का काम नहीं है। यह पूरे विश्व के लोगों का कर्तव्य बनता है कि वह पर्यावरण को संरक्षित रखें।

विद्यालय के प्रधानाध्यापक कृष्ण नंदन प्रसाद ने कहा कि यदि समय रहते हम नहीं चेते और पर्यावरण को बचाने के बारे में नहीं सोचा तो, इसके भयंकर परिणाम हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि पूरे सौर-मंडल में केवल हमारी पृथ्वी पर ही जीवन संभव है लेकिन यह अधिक दिनों तक संभव नहीं है।

हमें समय रहते पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त करके सुरक्षित करना है।पर्यावरण में जितना महत्व मनुष्यों का है, उतना ही अन्य जीव-जन्तुओं का भी। अकेले मानवों के अस्तित्व के लिए भी पेड़-पौधो की उपस्थिति अनिवार्य है। प्राणवायु ऑक्सीजन हमें इन वनस्पतियों के कारण ही मिलती हैं।

इस अवसर पर नीलम शर्मा, उर्मिला कुमारी, पद्मावती कुमारी, मंजू कुमारी, संगीता कुमारी, आभा कुमारी शर्मा, विद्या कुमारी, राजेश रंजन, समाजसेवी अल्पना सिन्हा, छाया श्रीवास्तव, नमिता सिन्हा तथा निधि सिन्हा ने सभी बच्चों को पर्याररण संरक्षण के प्रति प्रोत्साहित किया।

विद्यालय सिपारा में दीदीजी फाउंडेशन की संरक्षक और समाजसेवी विनीता कुमारी ने बच्चों के बीच गमला और पौधा का वितरण किया और उन्हें पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक किया।

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