निजी कंपनी को लाभ पहुंचाने वाला प्रीपेड मीटर सरकार वापस कर लूटने से राेेके-सुरेन्द्र

एस. पी. सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। उपभोक्ताओं को लूटकर निजी कंपनी को लाभ पहुंचाने वाला केन्द्र प्रायोजित भाजपा सरकार द्वारा लाया गया प्रीपेड मीटर को वर्तमान राजद- जदयू की सरकार वापस लेने की मांग भाकपा माले जिला स्थाई समिति सदस्य सह विद्युत सुधार संघर्ष मोर्चा के संयोजक सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने की है।

संयोजक ने 26 अगस्त तो विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि शहर में लगातार प्रीपेड मीटर के बाद अधिक बिल आने की शिकायत के मद्देनजर प्रीपेड मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं को पहले से ज्यादा बिल आ रहा है। उन्होंने कहा है कि उक्त मीटर में निजी कंपनी का सीम लगा है। जिसमें पहले पैसा जमा करना पड़ता है।

विभाग विभिन्न चार्ज के नाम पर मन मुताबिक पैसे काटती रहती है। शिकायत को स्थानीय स्तर पर दूर करने की व्यवस्था भी नहीं है। सरबर डाउन रहने पर मीटर रिचार्ज नहीं हो पाने, रिचार्ज के बाद भी बिजली कटने, अनाप- शनाप बिल आने जैसे अनेक प्रकार की गड़बड़ियां इस मीटर में रहने की शिकायत मिल रही है।

माले नेता ने कहा कि उपभोक्ताओं को लूटकर निजी कंपनी को लाभ पहुंचाने की यह एक बड़ी साजिश है। इसमें सबसे आश्चर्य कि बात है कि लोगों से पहले रुपए वसूल कर मनमाने ढंग से रुपए को कंपनी शून्य कर देती है। विभाग से शिकायत के बाद विभाग के अधिकारी निजी कंपनी का मामला बताकर पटना भेजने की बात कर पल्ला झाड़ लेते हैं।

कोई उपभोक्ता शिकायत पर विभाग पर दबाव बनाता है तो उसे बिजली चोरी, लोड आदि का झूठा मामला बनाकर केस करने का विभाग हथकंडा अपना रही है। जबकि छापेमारी में विभाग का ही कर्मचारी व अधिकारी शिकायतकर्ता और गवाह होते हैं।

छापेमारी भी एक बहुत बड़ा साजिश का हिस्सा है। जो उपभोक्ता प्रीपेड मीटर की कोई शिकायत या बदलने से मना करता है तो सरकार की महत्वाकांक्षी योजना बताकर झूठा केस दर्ज कर रही है।
जबकि कई उपभोक्ता है जो बिजली चोरी व अन्य कार्य करते हैं।

जबकि सबसे ज्यादा सरकारी अधिकारी व जनप्रतिनिधियों के कार्यलयों और उनके आवासों पर बड़े पैमाने पर बिजली लोड व बकाया रुपया का मामला है। जहां कोई कार्रवाई नहीं होती है। अगर बिजली विभाग और जदयू-राजद सरकार इस प्रीपेड मीटर हटाकर पुराने डिजीटल मीटर नहीं लगाती है तो चरणबद्ध आंदोलन की जाएगी।

 

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