बांसगोड़ा पूर्वी पंचायत की व्यवस्था देख प्रसन्न हुए उपायुक्त
एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला (Bokaro District) के हद में चास प्रखंड के बांसगोड़ा पूर्वी पंचायत में लगभग 300 घर संथालियों का है। जहाँ प्रवेश मात्र से व्यवस्था एवं सभ्यता की अनुभूति होने लगता है। इसे देख 26 जुलाई को बोकारो जिला उपायुक्त कुलदीप चौधरी (Deputy Commissioner Kuldeep Choudhary) ने संथाली समाज की काफी प्रशंसा की।
बांसगोड़ा पूर्वी पंचायत में बताया जाता है कि यहाँ शिक्षा ने गांव के विकास में सहयोग किया है। जिसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जो जनप्रतिनिधि पूर्व मे चुन कर आये उनका सेवा के दौरान ही सरकारी विभाग मे नौकरी लग गई।
अन्य बहुत से रहिवासी अध्ययन की राह पर चल रहे है। कई का जॉब भी लग चुका है। जलसहिया जिनका सरकारी नौकरी लग जाने से पद खाली पड़ गया है। उपायुक्त ने संज्ञान लेते हुए ग्राम सभा कर नया चयन कर लेने का निर्देश दिया।
इस अवसर पर हैसाबातू बहू पंचायत ग्रामीण जलापूर्ति योजना की स्थिति का जायजा लेने उपायुक्त पहुंचे। उनके साथ उपस्थित यूनिसेफ की टीम (UNICEF Teem) ने पाया की जल संरक्षण की दिशा में सभी घर के अंदर जलसोखा बना हुआ है, जो इस्तेमाल की हुई पानी पुनः जल गर्भ मे भेजी जा रही है।
इस तकनीक की जानकारी लेने के बाद उपायुक्त ने बताया की यह उम्दा तकनीक से जल को संचित रखा जाना बेहतर उदाहरण है। सबसे बड़ी चीज यह भी रहा कि अपने जल प्रबंधन से कोई नाली नहीं दिखी, जिससे मच्छड़ या अन्य गंदगी से किसी भी प्रकार की बीमारी हो।
संथालियों के घरों पर की गई नक्कासी तथा घरों का मैनेजमेंट मानो मन मोह रहा हो। स्थानीय कला को अपने अपने घरों पर उकेरना तथा रंग बिरंगी दीवारें यह बता रही थी कि वास्तव मे प्रकृति एवं अपनापन से जुड़े रहना कितनी गर्व की बात है।
उपायुक्त ने मुखिया समेत अन्य स्थानीय गणमान्य रहजवासियों से अपील किया कि पानी का शुल्क ससमय जमा करें। जिनका कनेक्शन नहीं हो वे कनेक्शन ले लेंगे तो सुविधा बेहतर होगी।
स्थानीय महिलाओं ने बताया कि इस योजना से पूर्व पानी के लिए सुबह चार बजे से लाइन लगना पड़ता था। अब समस्या का समाधान हो गया है। इसके लिए सरकार का कोटि कोटि धन्यवाद एवं जोहार।
हालांकि पानी कनेक्शन एवं बिजली की समस्या भी बताई गई, जिसपर उपायुक्त ने संज्ञान लेते हुए कहा कि जिस टोले में कनेक्शन विलंब हुआ संवेदक/ठेकेदार से स्पष्टीकरण मांगे। कनेक्शन की प्रक्रिया अविलम्ब करें तथा बारीकी से जाँच कर नल लगाना सुनिश्चित करें।
बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था के रूप मे 14वीं वित्त की राशि से सोलर लगाएं, जिससे बिजली की समस्या से निजात मिल सके। उक्त निर्देश मुखिया सावित्री मुर्मू को दिया। उपायुक्त चौधरी ने यह भी निर्देश दिया कि ठोस कचरा प्रबंधन के लिए ठेला क्रय कर लें, जो घर घर से कचरा कलेक्शन करे। इस गांव की एक्टिव महिला शांति सोरेन की कार्यकलाप से वे काफी प्रभावित हुए।
परम्परा की मिशाल पेश करते हुए संथाली महिलाओं ने लोटा पानी से अतिथियों का स्वागत किया तथा जमीन से जुड़कर प्रणाम करना बता रही थी कि माटी हमारी मातृभूमि है। हम सभी प्रकृति से बंधे हुए है। इनका सम्मान एवं संरक्षण करना हमारी पहचान है।
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