बाहर की संस्कृति हावी होगी तो झारखंड की पहचान खत्म हो जाएगी-जयराम महतो

विजय कुमार साव/गोमियां (बोकारो)। बाहर की संस्कृति हावी होगी तो झारखंड की पहचान खत्म हो जाएगी। उक्त बातें गोमियां प्रखंड (Gomiyan Block) के हद में महुआटांड स्थित प्लस टू हाई स्कूल मैदान में भाषा बचाओ आंदोलनकारी जय राम महतो ने कही।

महुआटांड स्थित प्लस टू ग्राउंड मे खतियानी महा जुटान में 5 मार्च को हजारो की संख्या में क्षेत्र की महिला, पुरुष, बूढे एवं युवा झारखंड की अवाज बन चुके जयराम महतो को सुनने पहुंचे थे।

इस अवसर पर मंच से लोगो को सम्बोधित करते हुए जयराम महतो ने कहा कि झारखंड की हेमंत सरकार सत्ता में आने से पहले जनता से वादा किया था कि 1932 का खतियान लागू करेंगे। ये बाते सरकार के साथ उनके सारे मंत्रियों और विधायकों ने किया था। इस वादे को निभाने का काम करे।

उन्होंने कहा कि खतियान अधारित निति सरकार को बनानी होगी। यह निति लागू होने से किसान अपने खेतो में चले जाएंगे, छात्र स्कूल एवं कॉलेज में पढने चले जाएंगे और यह आन्दोलन अपने आप समाप्त हो जाएगी। जो नेता और मंत्री आपको अपना हितैषी कहते है। जनता की भावनाओ से खेलते है।

जाति धर्म के नाम पर वोट लेते है और अन्ततः अपने और अपने परिवार का झोली भरते है। अगर खतियान आधारित निति सरकार नही बनाती है, तो बाहर के प्रदेश की संस्कृति हावी हो जाएगी और झारखंड की पहचान खत्म हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि झारखंड (Jharkhand) में संथाली भाषा छोड़कर बाकी सारी भाषाएं दम तोड़ रही है। प्रवासी लोग कहीं ना कहीं अपनी संस्कृति और भाषा हम पर थोपने का काम कर रहे हैं। जब तक 1932 के आधार पर स्थानीय नीति लागू नहीं होती, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।

मौके पर पंच देव महतो, विजय महतो, गिरधारी महतो, लोखनाथ साव, आकाश कुमार, मदन मोहन, गौतम देवा, पारस मणि, आकेशवर, तापेश्वर महतो, गुलाब महतो सहित हजारो समर्थक मौजूद थे।

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