बच्चों को मोबाईल फोन के सदुपयोग को समझने की आवश्यकता-उपायुक्त
एस.पी.सक्सेना/देवघर (झारखंड)। देवघर जिला उपायुक्त (Deoghar district Deputy Commissioner) मंजूनाथ भजंत्री की अध्यक्षता में 24 दिसंबर को जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन के संयुक्त प्रयास से चल रहे मोबाईल दान, विद्या दान कार्यक्रम के तहत जिले के विभिन्न प्रखंडों से चयनित 60 बच्चों को पढ़ाई-लिखाई हेतु मोबाईल का वितरण किया गया।
ज्ञात हो कि कोरोना काल में जरूरतमंद बच्चों की मदद हेतु मोबाइल बैंक की पहल जिले में शुरू की गई थी, ताकि लोगों के पुराने स्मार्टफोन या लैपटॉप के माध्यम से गरीब बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर सके। ऐसे में जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन (Administration) ने संयुक्त रूप से पहल करते हुए अभियान को चरितार्थ किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपायुक्त भजंत्री ने कहा कि कोरोनाकाल के दौरान ऑनलाईन क्लासेस चल रही थी। जिस कारण बहुत बच्चे मोबाईल के अभाव में ऑनलाईन क्लासेस नहीं कर पा रहे थे। ऐसे में जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन के साथ समाज के सभी वर्गों के सहयोग से एक सकारात्मक पहल करते हुए मोबाईल दान विद्या दान कार्य किया जा रहा है।
वर्तमान में सामान्य और गरीब परिवार के बच्चों को आनलाइन शिक्षा मिल सके, इसके लिए आम जन के सहयोग की आवश्यकता है। बच्चों को पैसा और समय ही नहीं, बल्कि घर में रखा मोबाइल भी देकर सहयोग किया जा सकता है, जो चालू हालत में है और आपके काम का नहीं है।
मोबाइल का दान एक छात्र का शिक्षा के प्रति सजग छात्र का जीवन रौशन कर सकता है। उपायुक्त ने बच्चों के अभिभावकों से भी अनुरोध करते हुए कहा कि बच्चे पढ़ाई के अलावा अन्य कामों में मोबाईल का ज्यादा उपयोग न करें। इसका विशेष रूप से ध्यान रखें।
सबसे महत्वपूर्ण है कि बच्चों को भी ये समझने की आवश्यकता है कि पढ़ाई के अलावा बेवजह का समय फोन के पीछे न नष्ट करें, इससे आखों के नुकसान के साथ-साथ उनका समय भी जाया होगा।
भजंत्री ने कहा कि वर्तमान में एक बार फिर से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। ऐसे में आवश्यक है कि सुरक्षित रहने हेतु जिले में चल रहे कोविड टीकाकरण अभियान में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हुए दूसरों को भी टीका लगाने हेतु जागरूक करें।
जिले में अब तक 75 प्रतिशत लोगों को कोविड का पहला डोज और 45 प्रतिशत कोविड का दूसरा डोज लोगों दिया गया है। ऐसे में आवश्यक है कि मिलजुल कर 15 जनवरी 2022 तक शत प्रतिशत अभियान को पुरा किया जा सके।
कार्यक्रम के दौरान उपायुक्त ने कहा कि आज बेटियों के प्रति सोच और नजरिया बदलने के साथ कन्या भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा को समाज से खत्म करने की आवश्यकता है।
मानवता एवं समानता की भावना से समाज में बेटियों के लिए व्याप्त लिंग भेद, कन्या भ्रूण हत्या, प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से समाप्त करने के इस मुहिम में जिला वासियों का सहयोग आपेक्षित है, ताकि समाज में व्याप्त बेटा-बेटी के भेदभाव को समाप्त करते हुए बेटियों को शिक्षित, सशक्त व आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से सभी को मिलजूल कर कार्य करने की आवश्यकता है।
वर्तमान में सबसे महत्वपूर्ण है कि बेटियों व महिलाओं को आगे बढ़ते हुए जिले से दहेज प्रथा को पूर्ण रूप से खत्म किया जा सके।
पुलिस अधीक्षक धनंजय कुमार सिंह ने कहा कि उपायुक्त की पहल के पश्चात मोबाइल दान विद्या दान एक सहरानीय पहल है। इस अभियान के माध्यम से जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि इस अभियान से उन बच्चों की शिक्षा पूरी कर सकते हैं, जिनके पास स्मार्ट मोबाइल नहीं है। इस वजह से पढ़ाई नहीं कर सकते हैं। साथ हीं बच्चों व बच्चों के परिजनों से अपील करते हुए कहा कि मोबाईल का उपयोग पढ़ाई के लिए ही किया जाय।
इसको ट्रैक करने की आवश्यकता अभिभावकों का है, ताकि बच्चे मोबाईल का सही इस्तेमाल करें। मोबाइल दान विद्या दान कार्यक्रम के दौरान जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रवि कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए बच्चों के बेहतर भविष्य की शुभकामनाएं दी।
इस दौरान उपरोक्त के अलावे अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी पवन कुमार, टाउन थाना प्रभारी रतन कुमार सिंह, आईओसीएल के डीजीएम लव श्रीवास्तव, सहायक जनसम्पर्क पदाधिकारी रोहित कुमार विद्यार्थी एवं टीम, विभिन्न संस्था के समाजसेवी आदि उपस्थित थे।
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