कथा के पांचवे दिन श्रीराम के भार्या, अनुज, वन गमन व् भरत मिलाप

प्रहरी संवाददाता/पेटरवार (बोकारो)। बोकारो जिला (Bokaro district) के हद में चास महानगर के बहादुरपुर स्थित उच्च विद्यालय प्रांगण में आयोजित श्रीराम कथा महोत्सव के पांचवे दिवस 17 नवंबर की रात्रि तीर्थनगरी हरिद्वार से पधारे कथावाचक स्वामी हंसानंद गिरी जी महराज ने जनकपुर से विवाह रचाकर श्रीराम के अयोध्या लौटने के बाद उनकी राज्याभिषेक की हो रही तैयारी का वर्णन किया।

दूसरी ओर कोपभवन में रुष्ठ रानी केकई द्वारा राजा दशरथ से पूर्व में दिए गये दो वरदानों को मांगकर राजा दशरथ के मरणासन्न असहनीय पीड़ा का महराज ने मार्मिक वर्णन किया। प्रभु श्रीराम की भार्या (अर्धांगनी) माता सीता व अनुज लक्ष्मण समेत वन गमन की कथा सुनाई तथा कहा कि यह सुनकर भ्राता भरत कितने विचलित हुए।

भरत मिलाप की कथा को स्वामी जी ने सविस्तर बताया। इसके पूर्व उन्होंने उपस्थित श्रोता समूह को यह संदेश दिया कि हरेक परेशानियों से घिरे हुए मनुष्य को अयोध्या कांड के प्रारंभिक आठ चौपाइयां यदि पढ़ें व सुनें तो निश्चय ही हर बाधाएं स्वतः मिट जायेगी।

कथा मंच पर आजसू नेता सह गोमियां विधायक पहुंचे और प्रभु दरबार में मत्था टेका। उन्होंने मंच पर लोगों को यह संदेश दिया कि हमेशा परोपकार की भावना बनाए रखना चाहिए।

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