नगर निगम की लापरवाही से खुले नाले में गिरकर बच्ची की मौत

एस.पी.सक्सेना/मुजफ्फरपुर (बिहार)। मुजफ्फरपुर शहर (Muzzafarpur City) के वार्ड क्रमांक 31 स्थित रामदयालुनगर मेन रोड में बीते 19 मई की सुबह साढ़े आठ बजे स्थानीय रहिवासी कृष्णा पासवान (Krishna Pasvan) की पांच वर्षीय पुत्री दीपा कुमारी की मौत खुले नाले में गिरने से हो गई। उसके घर के आगे ही नगम निगम का नाला है। उक्त नाला निगम की लापरवाही के कारण पिछले दो वर्षों से खुला है।
प्रत्यक्षदर्शीयों के अनुसार घटना के वक्त कृष्णा के घर के आगे एक गाड़ी लगी हुई थी। खेलते-खेलते बच्ची कब नाले में जा गिरी इसका अन्दाजा किसी को नहीं हुआ। परिजनों द्वारा घर में नहीं देखे जाने के बाद उसकी खोजबीन शुरू की गयी। इस बीच घर के आगे लगी गाड़ी के हटने के बाद दीपा नाले में गिरी मिली। सूचना पाकर स्थानीय पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। इधर मृतका के पिता ने बच्ची का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया। नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय ने कहा कि जहां भी नाले पर स्लैब नहीं है,उसे ढका जाएगा।
घटना के बाद दीपा की मां बबीता देवी का रो-रोकर बुरा हाल था। बताया कि वह सुबह में घर का काम कर रही थी। इस दौरान दीपा ने कहा कि वह टीवी देखने जा रही है। इसके बाद वह अपने काम में व्यस्त हो गयी। कुछ देर बाद मां ने दीपा को खाना खिलाने के लिए खोजना शुरू किया। लेकिन वह नहीं मिली। चिंता होने पर उसके मां और पिता काफी परेशान हो गये। करीब आधे घंटे के बाद एक व्यक्ति ने दीपा को नाले में गिरा देखा।
*ठेला से बालू ढोकर चला रहा है परिवार*
दीपा के पिता कृष्णा पासवान ने बताया कि दीपा चार भाई बहनों में सबसे छोटी थी। उसके तीन बेटा और दीपा एकलौती बेटी थी। काफी मिन्नत के बाद बेटी का घर में जन्म हुआ था। बताया कि ठेला से बालू ढोकर वे घर चलाते हैं। फिलहाल, कोरोना की वजह से काम ठप्प पड़ा हुआ है। वर्तमान में सब्जी बेचकर घर चला रहे हैं।
*जगह-जगह मौत को आमंत्रण दे रहा है खुले नाले*
नगर निगम का खुला नाला लोगों के लिए काल बन गया है। जगह जगह खुले नाले शहरवासियों को डरा रहा है। रामदयालुनगर मेन रोड में कृष्ण पासवान की पांच वर्षीय पुत्री दीपा कुमारी घर के आगे नगर निगम के खुले नाले में गिर कर दम तोड़ दी। उसके बाद मोहल्ले वालों का गुस्सा भड़क उठा। निगम के खिलाफ लोगों का आक्रोश फुटने पर पुलिस को पहुंचकर स्थिति संभालनी पड़ी। नगर निगम की लापरवाही के कारण खुले नाले में गिर कर लोगों की जान जा रही है। लेकिन, खुले नालों पर स्लैब या सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं किया जा रहा है। रहिवासियों के अनुसार मुजफ्फरपुर के शहरी क्षेत्र में 70 प्रतिशत नाला के उपर स्लैब नहीं है। हाल के वर्षों में नये निर्माण वाले नालों पर ढक्कन दिया गया है। इसमें में कई जगह स्लैप नहीं है। प्रत्येक वार्ड में छोटे-बड़े खुले नाला के कारण परेशानी बनी हुई है। शहर के मुख्य चौराहों पर खुले नालों के कारण दुर्घटनाएं हो रही हैं। इस मामले में निगम प्रशासन की चुप्पी समझ से परे है।
बताया जाता है कि मझौलिया रोड में वर्ष 2019 में खुले नाला में गिरकर एक महिला की मौत हो गई थी। उस खतरनाक नाले के ऊपर आज तक नगर निगम प्रशासन की ओर से स्लैब का निर्माण नहीं कराया गया है। मामले में स्थानीय पार्षद अभिमन्यु चौहान ने बताया कि दो साल से खतरनाक नाले के समाधान के लिए कागजों पर ही कार्रवाई चल रही है। टेंडर के बाद भी स्लैब का निर्माण शुरू नहीं किया गया है।
नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय के अनुसार घटना बहुत ही दु:खद है। नाले के निर्माण के लिए विभाग से अतिरिक्त राशि की मांग की जाएगी। जहां भी नाले पर स्लैब नहीं है। उन्हें चिह्नित करने का निर्देश इंजीनियरिंग शाखा को दिया गया है। प्राक्कलन तैयार कर खुले नालों को ढका जाएगा। उन्होंने बताया कि मझौलिया रोड में काम कहां रुका है। इसके लिए इंजीनियर को रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है।

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