शहर व समाज को सही दिशा देने में जिलावासियों का सहयोग अपेक्षित

एस.पी.सक्सेना/देवघर(झारखंड)। देवघर जिला उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री (Deoghar district deputy commissioner Manjunath Bhajantri)   निर्देशानुसार 6 अप्रैल को नगर आयुक्त शैलेन्द्र कुमार लाल की अध्यक्षता में जल संरक्षण तथा वर्षा जल संचयन, पाॅलिथीन एवं थर्मोकाॅल के जगह वैकल्पिक सामग्रियों के उपयोग एवं कोविड-19 के नियमों के प्रसार को कम करने के उद्देश्य से देवघर जिले के विभिन्न सामाजिक संस्थाओं प्रबुद्ध लोगों एवं संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक का आयोजन नगर भवन सभागार में किया गया।
नगर आयुक्त शैलेन्द्र कुमार लाल ने कहा कि वर्तमान समय में देवघर जिला अन्तर्गत कोरोना संक्रमण के बढ़ रहे मामलों को लेकर सभी को सतर्क व सावधान रहने की आवश्यकता है। साथ हीं अपने-अपने स्तर से लोगों को कोविड वैक्सिनेशन व कोरोना संक्रमण के प्रति जागरूक करते रहें, ताकि संक्रमण के खतरे से बचा जा सके। सबसे महत्वपूर्ण सभी समाज के प्रबुद्ध लोग एवं स्वयं सेवी संस्था अपने स्तर से ज्यादा से ज्यादा लोगों को कोरोना संक्रमण व वैक्सिन के प्रति जागरूक करें, ताकि शत प्रतिशत वैक्सिनेशन का कार्य करने के अलावा कोरोना संक्रमण के प्रति लोगों को जागरूक व सतर्क किया जा सके। बैठक के दौरान नगर आयुक्त लाल ने कहा कि वर्तमान में जल की महत्ता और आवश्यकता को देखते हुए हर घर में वर्षा जल संचयन तकनीक और सोख्ता का निर्माण महत्वपूर्ण है, ताकि गिरते भू-जल स्तर को पुनः रिचार्ज किया जा सके। आज से कुछ सालों पहले तक यह स्थिति हुआ करती थी कि छोटे- छोटे गांवों में नदी, नहर और तालाब दिखाई पड़ते थे। अतिवृष्टि होने पर गांव के गांव जलमग्न हो जाया करते थे। आज स्थिति यह है कि धीरे-धीरे सारे ताल-तलैया सूखते जा रहे हैं। यह तो बात हुई उस देश की जहां हम निवास करते हैं, जहां पीने योग्य जल की उपलब्धता है। विश्व में कई सारे देश ऐसे हैं, जहां पीने का स्वच्छ जल न होने के कारण लोग जीवन त्याग देते हैं। दूसरी ओर ये कहना गलत नही होगा कि मनुष्य पानी की महत्व को भूलता जा रहा है, जिसके चलते आज जल संकट एक बड़ी समस्या बन कर हमारे सामने आई है। ऐसे में आप सभी से आग्रह होगा कि लोगों को जागरूक करते हुए वर्षा जल संचयन व अपने घरों में साॅकट फीट का निर्माण अवश्य करें। साथ हीं नगर निगम क्षेत्र के जॉन 2 और जॉन 1 क्षेत्र के सभी घरों में सरकारी कार्यालयों में आने वाले दिनों में 30,000 से ज्यादा स्थलों पर साॅकपिट का निर्माण कराया जायेगा, ताकि नगर निगम क्षेत्र के गिरते भू-जल स्तर को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा सके। इस हेतु वर्षा जल संचयन करना सबसे आसान व कारगर तरीका माना जाता है। ऐसे में आवश्यक है कि जल की एक-एक बूंद के महत्व के प्रति एक दूसरे को जागरूक करें और वर्षा जल संचयन को घरों में संग्रहित करने की व्यवस्था को सुदृढ़ करें। सबसे महत्वपूर्ण वर्तमान में हम सभी को मिलकर पुराने जलस्त्रोतों, तालाबों के रखरखाव, साफ सफाई के बारे में भी जागरूक करने की आवश्यकता है, ताकि घटते जल स्त्रोतों को बचाया जा सके।
नगर आयुक्त ने थर्मोकाॅल के उपयोग को पूर्णतः खत्म करने में सभी के सहयोग की बात करते हुए कहा कि थर्मोकाॅल के उपयोग को बंद करने में आप सभी का सहयोग आपेक्षित है, ताकि प्लास्टिक से होने वाले दुष्प्रभाव को समझते हुए अभी से इसके उपयोग को न कहें और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें। थर्मोकाॅल के जगह पत्तल के बने विकल्पों का उपयोग पर्यावरण व स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से बेहतर विकल्प है। वहीं दूसरे स्तर से देखा जाय तो पत्तों से सामानों का उपयोग कर प्रकृति प्रेम व पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सकता है। ऐसे मे आप सभी से आग्रह होगा कि अपने पंचायत अपने गांव में लोगों को जागरूक करें कि शादी विवाह या अन्य कार्यक्रमों में थार्मोकाॅल व प्लास्टिक के जगह पत्तों से बने पत्तल, दोना आदि का इस्तेमाल कर एक कदम पर्यावरण संरक्षण की ओर बढ़ाने में जिला प्रशासन का सहयोग करें। बैठक के दौरान विभिन्न स्वयं सेवी संस्थानों व समाज के प्रबुद्ध लोगों ने अपने-अपने सुझावों से अवगत कराया।
बैठक में जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी रवि कुमार, जीएमडीआईसी सैमराॅम बारला, डीपीएम जेएसएलपीएस प्रकाश रंजन, सहायक जनसम्पर्क पदाधिकारी रोहित कुमार विद्यार्थी, अध्यक्ष/सचिव रेड क्राॅस सोसाईटी, लाईंस क्लब, इनव्हील क्लब, राॅटरी क्लब, फेडरेशन ऑफ झारखण्ड चेम्बर्स, संप चेम्बर ऑफ काॅमर्स, द शिवा फाउंडेशन, इंडियन मेडिकल एसोशिएसन, वैंडर्स सोशाईटी, होटल आॅनर्स एवं लाॅज एसोशिएसन, बिल्डर्स एसोशिएसन, टेक्सटाईल पर्सन, सभी एनजीओ, राईस मिल एसोशिएसन, फुटपाथ विक्रेता, मारवाड़ी युवा मंच एवं जिला खेल प्राधिकार आदि उपस्थित थे।

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