सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनी मकर संक्रांति का त्योहार

हथिया पत्थर में जुटे श्रद्धालु, दही-चूड़ा,गुड़,तिलकुट का उठाया लुफ्त
अजीत जायसवाल/फिरोज आलम/पेटरवार,जैनामोड़(बोकारो)। मकर संक्रांति (Makar sankranti) का पर्व हरेक वर्ष 14 जनवरी को मनाया जाता है। इस पर्व को विभिन्न राज्यों के लोग अलग अलग नामों व अपने तरीके से मनाते हैं। कहीं पोंगल तो कहीं लोहड़ी, तिल-खिचड़ी, राष्ट्रीय पतंग उड़ान आदि नामों से चर्चित है यह त्योहार। बिहार-झारखंड में मकर-संक्रांति के नाम से सदियों से इसे मनाया जाता रहा है।

मकर संक्रांति के अवसर पर तड़के कड़ाके के ठंड के दौरान नदी तटों सहित विभिन्न जलाशयों में स्नान कर समीपस्त मंदिरों में पूजा-पाठ करके मन्नतें भी मांगते हैं। इस वर्ष वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर फुसरो-जैनामोड़ पथ दामोदर नदी के हिंदुस्तान पुल के निकट पौराणिक हथिया पत्थर धाम में प्रशासन द्वारा मेला नही लगाने संबंधी निर्देश के बावजूद भी नदी में स्नान एवं निकटस्थ मन्दिरो में पूजा-पाठ करने में श्रद्धालु पीछे नही रहे। ग्रामीण क्षेत्र के लोग दामोदर नदी, जोरिया, खांजो, टेनु-बोकारो नहर आदि तटों पर भगवान सूर्यदेव का दर्शन कर स्नान किया। इसके बाद दही,चूड़ा,गुड़,तिलकुट,चूड़ा का लड्डू,अरसा रोटी,पीठा सिझाया हुवा सहित दुपहर को खिचड़ी का लुफ्त उठाया। छोटे बच्चे पतंग उड़ाकर खूब मस्ती किया। कई जगह युवतियों का समूह नदी तटों पर टुसु गीत गाते हुये फूल व रंगीन कागजो से सुसज्जित टुसुमनी को विसर्जजीत किया।
जैनामोड़ संवाददाता के अनुसार पिछरी पंचायत में मकर संक्रांति पर हथिया बाबा धाम में मेला संपन्न का आयोजन किया गया। मेला समिति के कोषाध्यक्ष प्रताप सिंह ने कहा कि पुराने जमाने की कहानी है कि एक राजा अपने बारातियों के साथ शादी करने जा रहा था। नदी में पानी ज्यादा था तो उसने गंगा मैया से प्रार्थना की और कहा कि मुझे नदी पार करा दे। मैं बकरे की बलि दूंगा। नदी लगभग आधी पार होने के बाद राजा के मन में आया कि मै बलि नहीं दूंगा तब सभी बाराती सहित पत्थर में बदल गए। इसके बाद गांव वालों को सपना आया कि इस स्थान पर देवता रहते हैं। जिनकी पूजा करने से गांव वालों का हित होगा। ग्रामीण उसी दिन से प्रत्येक वर्ष हथिया बाबा का पूजा करते आ रहे हैं।
मौके पर हथिया बाबा धाम समिति के अध्यक्ष अर्जुन सिंह, सचिव संजय मल्लाह, संगठन सचिव रोहित सिंह, सदस्य गोपाल मल्लाह, प्रताप सिंह, बिट्टू विश्वकर्मा, जितेंद्र सिंह, नत्थू सिंह, संजीव महतो, अर्जुन, मनोज, बबलू, पवन, कैलाश, भुनेश्वर, गोपाल, मिथुन, रूपलाल, मनोज, समता, आरती आदि सैकड़ों लोग इस मेला में उपस्थित थे। किसी प्रकार की अनहोनी ना हो इसके लिए थाने की तरफ से पुलिस जवानों को तैनात किया गया था।

 721 total views,  2 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *