जिलाधिकारी ने किसान धरना को पुलिसबल, मजिस्ट्रेट तैनात कर रोका

आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने किसान महासभा के बैनर तले निकाला विरोध मार्च
एस.पी.सक्सेना/समस्तीपुर(बिहार)। दिल्ली (Delhi) में किसान आंदोलन के समर्थन में पूर्व सूचनानुसार 7 जनवरी को समस्तीपुर जिलाधिकारी (Samastipur collector)  के समक्ष धरना देने आए भाकपा माले से जुड़े किसान महासभा के कार्यकर्ताओं को मौके पर तैनात मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में पुलिस बल ने रोक दिया गया। इससे किसान महासभा के कार्यकर्ता काफी आक्रोशित हो गये। कुछ देर के लिए कार्यकर्ता और मजिस्ट्रेट एवं पुलिस बल के बीच गतिरोध उत्पन्न हो गया। कार्यकर्ता धरना पर बैठने के लिए दरी, जाजिम बिछाना चाह रहे थे और पुलिस रोकने पर आमादा थी।
उक्त जानकारी देते हुए भाकपा माले ताजपुर प्रखंड सचिव सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि सूचना पाकर नगर थानाध्यक्ष मौके पर पहुंचकर अधिकारियों से वार्तालाप कराने का आश्वासन देकर कार्यकर्ताओं को शांत कराया। पहले जिलाधिकारी एवं अनुमंडलाधिकारी को आवास फिर कार्यालय में खोजा गया पर दोनों मुख्यालय से गायब थे। भाकपा माले जिला सचिव प्रो. उमेश कुमार एवं थानाध्यक्ष ने फोन किया पर कोई अधिकारी फोन भी नहीं उठाया।
उन्होंने बताया कि इस बीच आक्रोशित किसानों के साथ भाकपा माले के अतिथि कार्यकर्ता भी समर्थन में आ गए। कार्यकर्ताओं ने अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर तले सरकारी बस स्टैंड से विरोध मार्च निकाला। तथा लोकतंत्र की हत्या बंद करो, किसानों की धरना पर रोक क्यों? जिलाधिकारी जबाब दो, आंदोलन को पुलिस- लाठी- गोली, एफआईआर के जरिये दबाना बंद करो आदि नारे लगाते हुए स्टेडियम गोलंबर से धूमकर समाहरणालय होते हुए बस स्टैंड में समाप्त किया गया। तत्पश्चात एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन कर विस्तारपूर्वक मीडिया को जानकारी देते हुए माले जिला सचिव प्रो. उमेश कुमार ने कहा कि दिल्ली किसान आंदोलन के समर्थन में जिलाधिकारी एवं अनुमंडलाधिकारी को 5 जनवरी को आवेदन देकर सरकारी बस स्टैंड में 7 जनवरी से 10 जनवरी तक चार दिनी धरना कार्यालय अवधि में देने की बात कही गई थी। इस बावत धरना का अनुमति नहीं दिया गया और न ही इसकी जानकारी संगठन के नेताओं को दी गई। जब 7 जनवरी को 11 बजे कार्यकर्ता आंदोलन में तैनात मजिस्ट्रेट एवं पुलिस बल के समक्ष दरी- जाजिम बिछाने लगे तो उपस्थित पुलिस बल ने रोक दिया। इससे कार्यकर्ता हक्का- बक्का रह गये। फोन पर खबर मिलते ही बड़ी संख्या में कार्यकर्ता धरनास्थल पर पहुंचकर जिलाधिकारी के मनमानीपूर्ण रवैया का विरोध करने लगे। माले नेता ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली, पटना, आरा, सीवान, दरभंगा समेत पूरे देश, राज्य एवं जिला में किसान शांतिपूर्ण तरीके से धरना- प्रदर्शन कर रहे हैं। फिर समस्तीपुर में किसान धरना को क्यों रोका गया? माले नेताओं ने भाजपा के ईशारे पर जिलाधिकारी द्वारा इसे रोकने की कोशिश बताते हुए 7 जनवरी से जिलाव्यापी तीन दिवसीय विरोध दिवस मनाने की घोषणा करते हुए विरोध जुलूस निकलकर जिलाधिकारी का पूतला दहन करने की घोषणा की। प्रो. उमेश कुमार ने कहा कि 8 जनवरी को किसान फिर बस स्टैंड में धरना पर बैठेंगे। मौके पर जिला कमिटी सदस्य अमित कुमार, जीवछ पासवान, फूल बाबू सिंह, रामचंद्र पासवान, बंदना सिंह, मिथिलेश कुमार, उपेंद्र राय, सुरेन्द्र प्रसाद सिंह के अलावे महेश कुमार, प्रभाष कुमार पंकज, दिनेश साह, गंगा प्रसाद पासवान, अंजार अहमद आदि उपस्थित थे।

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