कुपोषण जांच शिविर में 20 कुपोषित व् 120 सामान्य बच्चों की जांच

एस.पी.सक्सेना/बोकारो। सितंबर माह राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। 01 सितंबर से 30 सितंबर तक चलने वाले इस पोषण माह को “ हर घर पोषण ” का त्यौहार के रूप में मनाया जा रहा है। इसी के तहत 25 सितंबर को आरपीएफ ग्राउंड, कुर्मीडीह एवं बालीडिह में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार के तत्वाधान में चाइल्डलाइन इंडिया फाउंडेशन एवं सामाजिक परिवर्तन संस्थान द्वारा संयुक्त रूप से कोलब रेलवे चाइल्ड लाइन बोकारो द्वारा एक दिवसीय कुपोषण जांच शिविर का आयोजन एमटीसी चास के सहयोग से किया गया।
जांच शिविर में एमटीसी चास के डॉक्टर आशा कुमारी, सहकर्मी द्रौपदी कुमारी एवं सुबल रजक द्वारा लगभग 20 कुपोषित एवं 120 सामान्य बच्चों का जांच किया गया। साथ ही उपस्थित परिजनों का काउंसलिंग कर उन्हें मार्गदर्शन किया गया। जिससे वे अपने बच्चों को कुपोषण से दूर रख सकें। साथ ही उन्होंने सभी बच्चों के परिजनों को टीकाकरण से होने वाले लाभ एवं आंगनबाड़ी में मिलने वाली सुविधाओं के बारे में बताया। जिससे वे लाभान्वित होकर अपने बच्चों को कुपोषण से बचा सकें।
इस अवसर पर रेलवे चाइल्ड लाइन समन्वयक प्रभाकर झा ने बताया कि सही पोषण किस प्रकार से लेना लाभदायक है। विशेषकर गर्भवती महिला और धात्री महिलाओं को पोषण की आवश्यकता कितनी महत्वपुर्ण है। पोषण युक्त भोजन उन्हें कब लेना चाहिए, जिससे उनका पोषण स्तर में सुधार हो तथा वे स्वस्थ और निरोग रह सके। उन्होंने सुनहरे 1000 दिन के बारे में चर्चा की। उन्होंने बताया कि गर्भावस्था से लेकर बच्चे की 2 साल की उम्र तक खास खयाल रखना चाहिए। मां और बच्चों को पर्याप्त पोषण और तनाव मुक्त माहौल देना चाहिये, जिससे बच्चे एनीमिया के शिकार ना हो। साथ ही एनीमिया पहचानने के लक्षण एवं डायरिया से बचने के उचित उपाय एवं प्रबंधन इत्यादि नियमों पर व्यापक चर्चा की गई।
चाइल्डलाइन बोकारो कोलेब समन्वयक शिव पांडेय ने कुपोषण से होने वाले खतरों पर मौजूद सभी परिजनों को व्यापक जानकारी दी गई। पांडेय ने बताया कि किस प्रकार कुपोषण से बचा जा सकता है। हमारे जीवन में स्वच्छता एवं साफ सफाई किस प्रकार आवश्यक है। उन्होंने यह भी बताया कि पोषण के विभिन्न नियमों को अपनाकर किस प्रकार शिशु एवं परिवार कुपोषण से मुक्त रह सकता है। कार्यक्रम के दौरान आरपीएफ बोकारो, एसआईबी बोकारो और रेलवे चाइल्ड लाइन बोकारो परामर्शदाता कंचन झा, टीम सदस्य सरिता कुमारी, रंजीत भाई, राधा कुमारी, वॉलिंटियर सिमरन एवं मनीष कुमार उपस्थित थे।

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