प्रबंधन से न्याय की गुहार लगा रहा है लकवाग्रस्त शंकर

एस.पी.सक्सेना/ बोकारो। बोकारो (Bokaro) जिला के हद में सीसीएल कथारा (CCL Kathara) क्षेत्र के कथारा कोलियरी में हैबी टेंडल के पद पर कार्यरत शंकर सिंह प्रबंधन से न्याय की गुहार लगा रहा है। इस संबंध में जानकारी देते हुए मजदूर संगठन राकोमसं सीसीएल रीजनल सचिव व् कथारा क्षेत्रीय अध्यक्ष अजय कुमार सिंह ने बताया कि लकवा रोग से ग्रसित होने के कारण कामगार शंकर सिंह 1 दिसंबर 2015 से अपने कार्यस्थल पर उपस्थित होने से पुरी तरह से असमर्थ है।

शंकर सिंह 30 नवंबर 2015 को कार्यस्थल पर ही बीमार हुए थे। हॉस्पिटल पहुंचने पर लकवा रोग से भी ग्रसित हुए शंकर सिंह का इलाज कथारा क्षेत्रीय हॉस्पिटल से केएम मेमोरियल हॉस्पिटल चास (बोकारो) के बाद सीसीएल के केंद्रीय अस्पताल गांधीनगर आदि जगहों पर इलाज होता रहा है।

मजदूर नेता सिंह ने कहा कि लंबे समय से बीमार होने के कारण शंकर शारीरिक कष्ट के साथ-साथ उसके परिजन भी असहाय हो चुके हैं। घर में खाने तथा दवा का भी संकट उत्पन्न हो रहा है। राष्ट्रीय कोयला वेतन मान समझौता के तहत एनसीडब्ल्यूए दस में प्रदत सुविधाएं बीमारी की स्थिति में 50 प्रतिशत मासिक वेतन भुगतान करने का निर्देश दिया गया है जबकि शंकर सिंह को उक्त मद की राशि 1 जून 16 से जनवरी 2019 तक मिलना चाहिए वह नहीं मिल पा रहा है।

प्रावधान के तहत पैसे के भुगतान के लिए लगातार शंकर सिंह के द्वारा असफल प्रयास किया गया। सिंह के अनुसार सीसीएल मुख्यालय के तहत सी सी ई बी एफ एस मद की राशि बीमार की स्थिति में प्रत्येक माह ₹10000 दिए जाने का प्रावधान है। उक्त मद की राशि शंकर सिंह को 1 सितंबर 2019 से सितंबर 2020 तक का जो भुगतान होना चाहिए वह भी लंबे समय से प्रयास के बाद प्रबंधन द्वारा राहत नहीं दिया जाना प्रबंधन की हठधर्मिता को दर्शाता है।

प्रबंधन की व्यवस्था देख कर लंबे समय से प्रयासरत रहने के बाद शंकर सिंह के द्वारा फैसला लिया गया कि प्रबंधन की हठधर्मिता के खिलाफ आगामी 21 सितंबर से कथारा महाप्रबंधक कार्यालय पर आमरण अनशन कर अपने अधिकार की लड़ाई लड़ने के लिए आगे बढ़ेंगे। इस संदर्भ में मजदूर नेता अजय कुमार सिंह ने कहा कि शंकर सिंह द्वारा प्रस्तावित आंदोलन का समर्थन करते हुए प्रबंधन के द्वारा इस प्रकार मजदूर अपने अधिकार से वंचित हो रहे हैं यह प्रबंधन द्वारा बहुत ही निंदनीय कार्य है।

शंकर सिंह के आंदोलन को पुरजोर समर्थन देकर प्रबंधन की हठधर्मिता को उजागर करते हुए मजदूर विरोधी प्रबंधन को सबक सिखाने का कार्य संगठन द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार जरंगडीह परियोजना में कार्यरत कर्म सिंह उचित इलाज और पैसे के अभाव में दम तोड़ दिया। प्रबंधन ना तो कर्म सिंह को स्पेशल लीव का भुगतान कर पाया ना ही सीसीई बीएफएस मद की राशि का भुगतान किया। ऐसे प्रबंधन पर संगठन क्रिमिनल केस भी करने से पीछे नहीं हटेगा।

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