संतोष झा/ मुजफ्फरपुर (बिहार)। तीन दिन पहले तक बिहार के 38 जिलों में से कोरोना (Coronavirus) संक्रमण मुक्त तीन जिलों में मुजफ्फरपुर एक था। लगातार तीन दिनों से मिल रहे तीन-तीन कोरोना संक्रमित मरीज़ों कि वजह से मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में मरीजों कि संख्या अब शून्य से सीधे नौ हो गया है ।
संक्रमित मरीज़ों में सभी प्रवासी ही है। 11 मई को मिले नए तीनों संक्रमित में से दो बोंचहाँ प्रखंड से हैं। वहीं एक मड़वन प्रखंड से। ऐसे में एक सवाल यह भी उठता है कि अगर जिन राज्यों से वे यहाँ आ रहें हैं वहाँ ढंग से स्क्रिनिंग कर भेजा जा रहा है तो रास्ते में आते-आते ही संक्रमित कैसे हो जा रहें हैं लोग। चूक किस स्तर पर हो रही है और जिम्मेदारी किसकी है? क्वारंटाईन सेंटर में रहने कि व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था भी उतने दिनों से हो रही प्रसाशनिक तैयारीयों पर सवालिया निशान लगा रहें हैं।
100-200 प्रवासियों के इस्तेमाल करने लायक शौचालय और स्नान करने कि व्यवस्था भी लचर है। जहाँ सोशल डिस्टेंसिंग भी संभव नहीं है। जिन स्कूलों में क्वारंटीन सेंटर बनें हैं वहाँ रह रहे लोगों के परिजन टूटी बांउड्री वाल के सहारे जा कर मिलकर कर वापस गाँव में आ रहें हैं। अगर सबकुछ ऐसा ही चलता रहा तो कोरोना चक्र टूटने के बजाय और बढ़ेगा जिससे जिले में रह रहे लोगों के बीच संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा।
लाॅकडाउन 3 में कुछ छूट जिला प्रशासन द्वारा दिया गया है। ऐसे में बढ़ रहे खतरे को ध्यान में रखते हुए जिले के हर नागरिक से जगत प्रहरी आग्रह करती है कि आपस में दूरी बना कर रखें और एक जगह भीड़ में इकट्ठा नहीं हो, वर्ना 3 से 13 और 13 से 30 होते समय नहीं लगेगा। जगह-जगह थूकने से भी बचें।चेहरे पर मास्क या गमछे का इस्तेमाल और हाथों पर सैनेटाईजर अथवा साबुन का इस्तेमाल ही बचाव का साधन है।सावधान रहें सुरक्षित रहें।
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