कायाकल्प आवार्ड योजना से स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता हो रही है बेहतर
टीम सदस्यों ने अस्पताल के विभिन्न विभागों और वार्डों का लिया जायजा
अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। राज्य स्तरीय कायाकल्प एक्सट्रनल टीम द्वारा 24 जनवरी को सारण जिला के हद में सोनपुर के अनुमंडलीय अस्पताल और अमनौर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का असेस्मेंट किया गया। स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से कायाकल्प आवार्ड योजना की शुरूआत की गयी है। जिसके तहत स्वास्थ्य संस्थानों में मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं के आधार पर रैकिंग की जाती है और उत्कृष्ट अस्पताल को आवार्ड दिया जाता है।
इस योजना से अस्पतालों के सुविधाओं में काफी सुधार आयी है। इसी कड़ी में कायाकल्प की राज्य स्तरीय एक्सट्रनल टीम में शामिल राज्य स्वास्थ्य समिति से डॉ जयती श्रीवास्तव और यूनिसेफ से डॉ अर्पिता हलदर ने सोनपुर अनुमंडलीय चिकित्सालय में तथा अमनौर सीएचसी में राज्य स्वास्थ्य समिति से भावना कुमारी और यूएनएफपीए से तुषार कांत उपाध्याय शामिल रहे।
इस दौरान दोनों राज्य स्तरीय टीम ने अस्पताल के प्रसव कक्ष, ऑपरेशन थिएटर, जांच घर, दवा वितरण काउंटर, स्टोर रूम, टीकाकरण रूम, ओपीडी, आइपीडी, फार्मेसी, किचन, इमरजेंसी, हर्बल गार्डन, अन्य सेवाओं सहित बाउंड्री व अस्पताल के आसपास व्यवस्थाओं का जायजा लिया। सीएचसी अमनौर और एसडीएच सोनपुर कायाकल्प अंतर्गत नामित है, जिसमें टीम द्वारा फाइनल मूल्यांकन किया गया। जिसकी रिपोर्ट स्टेट को भेजी जाएगी। जिसमें राज्य में प्रथम स्थान वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को 15 लाख व द्वितीय को 10 लाख व अन्य 70 प्रतिशत से अधिक अंक मिलने वाले सीएचसी को 1 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। साथ ही बेहतर व्यवस्थाओं व रूपरेखा पर कायाकल्प आवार्ड से भी नवाजा जाएगा।
इस मौके पर एसडीएच सोनपुर में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ पूनम, अस्पताल प्रबंधक मृत्युंजय पांडेय, स्टाफ नर्स पूनम कुमारी, अनुराधा कुमारी, संतोष, जबकि अमनौर सीएचसी में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शेशांक शुभम, डीपीसी रमेश चंद्र कुमार, बीएचएम सुशील कुमार, बीसीएम दीपक कुमार, बीएमएनई सुनिल कुमार समेत अन्य मौजूद थे।
इस अवसर पर राज्य स्तरीय टीम के सदस्य भावना कुमारी ने बताया कि कायाकल्प योजना का उद्देश्य सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों को स्वच्छ, सुरक्षित और मरीजों के अनुकूल बनाना है। अंकेक्षण के दौरान, संस्थान की स्वच्छता, चिकित्सा उपकरणों की स्थिति, दवाओं की उपलब्धता और स्टाफ की तत्परता की जांच की जाती है। उन्होंने कहा कि यह योजना न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए बनाई गई है, बल्कि इससे मरीजों को सर्वोत्तम सुविधाएं मिलें, यह भी सुनिश्चित किया जाता है। स्वास्थ्य केंद्रों में स्वच्छता, शुद्ध पेयजल की उपलब्धता और बेहतर मरीज देखभाल सुनिश्चित करने के लिए कायाकल्प योजना सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों को सुधारने और मरीजों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने का एक प्रभावी माध्यम है।
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीसी रमेशचंद्र कुमार ने बताया कि कायाकल्प योजना स्वास्थ्य केंद्रों को स्वच्छ और सुरक्षित बनाने में मदद करती है। इनमें चिकित्सा उपकरणों की नियमित जांच, इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और मरीजों की सुविधा के लिए अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराने की सिफारिश की गई। कायाकल्प योजना के तहत, स्वास्थ्य संस्थानों में स्वच्छता और संक्रमण नियंत्रण को प्राथमिकता दी जाती है। उन्होंने बताया कि इस योजना से न केवल अस्पतालों की छवि में सुधार हो रहा है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता भी बढ़ रही है।
टीम ने 8 मुख्य बिंदुओं पर फोकस किया जिसमें अस्पताल का रखरखाव, स्वच्छता और साफ-सफाई, वेस्ट प्रबंधन, संक्रमण नियंत्रण, सपोर्ट सेवायें, हायजीन प्रमोशन, बाउण्ड्री वॉल के आस पास साफ-सफाई, इको फैन्डली अस्पताल शामिल हैं। मौके पर टीम द्वारा अस्पताल परिसर में वृक्षारोपण किया गया।
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