लक्ष्मीनारायण महायज्ञ के दूसरे दिन श्रद्धालुओं ने की यज्ञ मंडप की परिक्रमा

अरणी मंथन से निकली अग्नि को यज्ञ कुंड में स्थापित कर दी गई आहुति

प्रहरी संवाददाता/सारण (बिहार)। सारण जिला के हद में विश्व विख्यात हरिहर क्षेत्र सोनपुर के श्रीगजेन्द्रमोक्ष देवस्थानम् नौलखा मन्दिर में चल रहे श्रीमहालक्ष्मी नारायण महायज्ञ के दूसरे दिन 13 नवंबर को जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी लक्ष्मणाचार्य के नेतृत्व में अरणी मंथन किया गया। जिससे निकली अग्नि को यज्ञ कुंड में स्थापित कर आहुति दी गई।

इस अवसर पर लक्ष्मणाचार्य स्वामी ने बताया कि भगवान का मुख अग्नि रूप है, विश्व के पालन हार भगवान विष्णु व संपूर्ण चराचर को जीवंत करने वाले 33 कोटि देवी- देवताओं को प्रसन्न करने के लिए यज्ञशाला में स्थापित हवन कुंड में अरणि मंथन द्वारा अग्नि प्रकट किया जाता है।

वेद की ऋचाओं व मंत्रों के माध्यम से देवताओं का आह्वान करते हुए स्वामी लक्ष्मभाचार्य महाराज ने कहा कि यज्ञ से जगत का कल्याण होता है। सभी चराचर जीव जीवंत होते हैं। यज्ञ सनातन धर्म की वैदिक परंपरा है। यज्ञ से संपूर्ण पर्यावरण शुद्ध होता है। उन्होंने कहा कि जिसका मुख्य उद्देश्य सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे संतु निरामया: की जगत कल्याणकारी भावना परिलच्छित होती है।

उपर्युक्त अवसर पर मन्दिर प्रबंधक नन्द कुमार राय, पुजारीगण, शिवनारायण शास्त्री, मुख्य यजमान दिलीप झा, फूल देवी, नारायणी, रानी राय, शिवानी सहित दर्जनों श्रद्धालू भक्त आनन्द सहित सम्मिलित हुए।

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