एस. पी. सक्सेना/ममता सिन्हा/बोकारो। चुनाव पर्यवेक्षक आर नतेश एवं ए आर राहुल नाध द्वारा 29 अक्टूबर को बोकारो जिला के हद में बेरमो अनुमंडलीय कार्यालय तेनुघाट स्थित नामांकन केंद्र पहुंचकर आवश्यक जांच की गयी।
जानकारी के अनुसार पर्यवेक्षकों द्वारा गोमियां विधानसभा क्षेत्र संख्या 34 एवं बेरमो विधानसभा क्षेत्र संख्या 35 में हुई नामांकन एवं प्रत्याशियों द्वारा दिए गए आय व्यय का लेखा जोखा की जांच पड़ताल की गयी एवं अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गये।
विधानसभा चुनाव प्रक्रिया के तहत अनुमंडल कार्यालय तेनुघाट में नामांकन के आठवें एवं अंतिम दिन 29 अक्टूबर को गोमियां विधानसभा क्षेत्र एवं बेरमो विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में कई अभ्यर्थियों ने नामांकन कराया। बताया जाता है कि गोमियां विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी चितरंजन साव एवं उनकी पत्नी जिला परिषद अध्यक्षा सुनीता देवी ने भी अपना नामांकन कराया।
चितरंजन साव के नामांकन के दौरान प्रस्तावक धीरज कुमार साव, नरेश कुमार तुरी, एमडी हाशमी रज्जा उपस्थित थे।
नामांकन से पूर्व चितरंजन साव एवं सुनीता देवी के साथ गाजे बाजे के साथ भारी संख्या में क्षेत्र के उनके समर्थकों की भीड़ शामिल थी।जिससे सड़क पर लंबी जाम लग गई। जिससे राहगीरों को काफी मशक्कत करना पड़ा।
इसके अलावा गोमियां विधानसभा क्षेत्र से रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अंबेडकर) से अजय प्रजापति, निर्दलीय राजेश्वर महतो, हिंदुस्तान जनता पार्टी से मृणाल कांति देव, निर्दलीय प्रत्याशी रविशन मांझी, राकेश करमाली, अमरेश महतो तथा बेरमो विधानसभा क्षेत्र से असहाय जन कल्याण पार्टी से रूपलाल ठाकुर, बहुजन समाज पार्टी से जगदीश केवट, झारखंड बचाव क्रांति सेना समिति से उमा शंकर शास्त्री उर्फ रंजीत, निर्दलीय मो. बिलाल अंसारी, निर्दलीय तीर्थ नाथ आकाश तथा निर्दलीय संतोष कुमार महतो ने नामांकन प्रपत्र जमा किया।
इस अवसर पर तेनुघाट में निर्दलीय प्रत्याशी चितरंजन साव ने आमसभा की। सभा को संबोधित करते हुए साव ने कहा कि गोमियां क्षेत्र में सभी तरह की संपन्नता के बावजूद यहां के रहिवासी विपन्नता की जिंदगी जी रहे है। यह राजनीतिक इच्छा शक्ति की कमी और नेताओं की स्व लिप्सा का परिणाम है।
उन्होंने कहा कि जनता उन्हें मौका दे तो गोमियां क्षेत्र में वास्तविक विकास क्या होता है, यह दिखा देंगे। साव वर्तमान विधायक डॉ लंबोदर महतो तथा पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद पर जमकर बरसे तथा गोमियां के विकास व् बेरमो को जिला बनाने में बाधक कहा। उन्होंने कहा कि वे आज भी भाजपा ओबीसी मोर्चा जिलाध्यक्ष है।
बावजूद इसके उन्होंने बागी बनकर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। उन्होंने आह्वान करते हुए कहा कि चाहे आप किसी भी दल में रहे मात्र एक माह बागी बनकर उनका समर्थन करें, ताकि गोमियां विधानसभा की तकदीर बदला जा सके। उन्होंने कहा कि जनता के समर्थन से यदि वे चुनाव जीतते है तो डबल इंजन से कार्य क्या होता है यह कर दिखाएंगे।
कहा कि यदि वे हार भी गये तब भी उनके यहां से यहां का कोई दुःखियारी को राहत मिलेगा, क्योंकि उनकी धर्मपत्नी जिला परिषद अध्यक्षा है। साव ने आरोप लगाते हुए कहा कि उनके विरोधी उन्हें चुनाव से अलग रखने की जुगत लगाकर उन्हें परेशान करने में लगे है।
इसीलिए उन्होंने अपनी पत्नी से भी नामांकन कराया है। कहा कि विरोधियों ने कुचक्र रचकर उनके भाई को उनके विरुद्ध करने की कोशिश की गयी है। इसका जबाब क्षेत्र की जनता निश्चित ही आगामी 20 नवंबर को देगी, क्योंकि गोमियां की जनता सब देख रही है। मौके पर बड़ी संख्या में उनके समर्थक उपस्थित थे।
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