नगर परिषद लालगंज में भ्रष्टाचार के खिलाफ पार्षदों का धरना व् अनशन

गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। वैशाली जिले का हाजीपुर नगर पालिका सबसे पुराना नगर पालिका है जो अब नगर परिषद बन चुका है। वर्तमान नगर परिषद के अध्यक्ष कंचन शाह और उप सभापति संतोष कुमार है। उप सभापति सहित दर्जनों पार्षद नगर परिषद अध्यक्ष कंचन शाह और कार्यपालक पदाधिकारी के मनमाने रवैये के खिलाफ आंदोलित है।

जानकारी के अनुसार गत 10 सितंबर को नगर परिषद के बोर्ड की आम बैठक बुलाई गई थी, जिसमें पार्षदों ने अपने-अपने वार्ड क्षेत्र के विकास की योजनाओं को मंजूरी के लिए रखा, लेकिन मनमाने रूप से अध्यक्ष द्वारा वार्ड परिषदों की प्रस्ताव को अमान्य करते हुए मनमाने रूप से योजनाओं की स्वीकृति दी। इसके खिलाफ नगर परिषद के उप सभापति संतोष कुमार, पार्षद सुजीत प्रसाद यादव इत्यादि लगभग 16 पार्षदों ने नगर परिषद के पास धरना प्रदर्शन किया।

यह धरना लगातार तीन दिनों तक चला, जिसकी सूचना पर हाजीपुर अनुमंडल पदाधिकारी धरना स्थल पर पार्षदों से मिले और समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया। लेकिन 15 दिन खत्म हो जाने के बाद भी उच्च पदाधिकारी द्वारा कार्यवाही नहीं किए जाने पर बीते 27 सितंबर से नगर परिषद लालगंज के पार्षद सुजीत प्रताप यादव एवं अन्य पार्षद आमरण अनशन पर बैठे हैं।

नगर परिषद के उप सभापति संतोष कुमार ने बताया कि उन्होंने बीते 13 सितंबर को बिहार के नगर विकास और आवास मंत्री और प्रधान सचिव नगर विकास विभाग पटना को लिखित आवेदन देकर निवेदन किया कि नगर परिषद लालगंज में सफाई व्यवस्था एकदम ठप्प है। नगर परिषद की ओर से सफाई कार्य के लिए एक एनजीओ को 11 माह के लिए 1 फरवरी 2023 को नियुक्त किया गया था।

उक्त सफाई एजेंसी द्वारा नगर परिषद क्षेत्र में सफाई की व्यवस्था संतोषप्रद नहीं रही। इसके बावजूद सभापति उक्त एजेंसी से कार्य करवा रहे है और हर माह भुगतान हो रहा है। इसके खिलाफ नगर परिषद के पार्षदों ने धरना और प्रदर्शन भी किया।

उप सभापति ने बताया कि प्रति माह नगर परिषद की सफाई कार्य के लिए एजेंसी को 23 लाख 70 हजार रुपया भुगतान किया जाता है। एजेंसी द्वारा लालगंज नगर की सफाई मनमानी ढंग से की जाती है। जिस वजह से छोटे से लालगंज शहर में हर चौक चौराहे पर कचरे का अंबार लगा है।

धरना स्तल पर मौजूद कई महिला पार्षदों ने बताया कि दशहरा और छठ पर्व नजदीक आ रहा है। जनता हमसे पूछती है कि शहर की सफाई क्यों नहीं हो रहा है। इधर पार्षदों की बात नगर सभापति सुनने को तैयार नही हैं और ना ही नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी। उपस्थित पार्षदों ने आरोप लगाया कि कार्यपालक पदाधिकारी और सभापति मिलकर नगर परिषद के फंड का मनमाने ढंग से दुरुपयोग कर रहे हैं। उनकी आवाज सुनने वाला कोई नहीं है।

अनशन स्थल पर आक्रोशित वार्ड पार्षदों ने सभापति की निकम्मा, नकारा, झूठा जैसे शब्दों के साथ खूब आलोचना की और सभापति तथा कार्यपालक पदाधिकारी के खिलाफ नारेबाजी करते रहे।

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