डीएवी ढोरी में स्वतंत्रता दिवस समारोह सोल्लास सम्पन्न

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला के हद में डीएवी पब्लिक स्कूल ढोरी में भारतीय आजादी की 77वीं वर्षगांठ हर्सोल्लास के साथ मनाई गई। इस अवसर पर सीसीएल ढोरी क्षेत्र के महाप्रबंधक रंजय सिन्हा ने झंडोतोलन किया।

उक्त कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में ढोरी क्षेत्र के विभागाध्यक्ष कार्मिक एवं प्रशासनिक प्रतुल कुमार, विभागाध्यक्ष असैनिक मनोज कुमार शाह, पीओ शैलेश प्रसाद, दिनेश चंद्र राय, संध्या रानी, सीताराम यूइके, अक्षय कुमार यादव सहित विद्यालय के प्राचार्य सत्येंद्र कुमार, शिक्षक-शिक्षिका व् अभिभावक गण उपस्थित थे।

इस अवसर पर सर्वप्रथम विद्यालय के प्राचार्य एस. कुमार ने स्वागत भाषण में विद्यालय की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए बताया कि यहां अध्ययन रत बच्चे शैक्षिक व सहगामी क्रियाओं में नित नूतन आयाम तय कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बेरमो कोयलांचल में यह संस्था अग्रणी शैक्षिक संस्था में शुमार है।

इस अवसर पर नन्हे सम्राटों द्वारा बम-बम भोले और जय हो गीत के बोल पर नित्य प्रस्तुत कर उपस्थित जन समुदाय को मंत्र मुग्ध कर दिया। यहां देश भक्ति नृत्य, राजस्थानी नृत्य, वैदिक नृत्य, एकांकी आजादी के दीवाने, जेनरेशन गैप, विनेश फोगाट की त्रासदी के साथ लाइव स्कैचिंग को खूब सराहा गया। हिंदी और अंग्रेजी में क्रमशः प्रस्तुति सिंह, सौम्या सिंह ने उदघोषक का कार्य किया। संयम शुक्ला ने अपना मंतव्य प्रकट करते हुए देश की एकता और अखंडता को अक्षुण्ण रखने की समवेत जवाबदेही माना।

मुख्य अतिथि ने सीबीएसई 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा में 90 प्रतिशत से अधिक अंक अर्जित करने वाले छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति-पत्र और ट्रॉफी प्रदान किया। साथ ही नेशनल स्पोर्ट्स में 60 प्रतिभागियों जिन्होंने विभिन्न स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीता है, उसे भी सम्मानित किया।

मुख्य अतिथि ने सबों को अपनी शुभकामनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्रीय महोत्सव की इस बेला में समाज के सभी नागरिकों का कर्तव्य है कि जो जहां है, जिस पेशे में है, ईमानदारी पूर्वक अपने कर्तव्य का निर्वहन करें। तभी निश्चित रूप से भारत आने वाले समय में विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में खड़ा होगा।

कार्यक्रम का समापन अंग्रेजी के वरीय शिक्षक पी.के. सहाय के धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में सहगामी क्रियाओं के प्रभारी एस. के. शर्मा, यू.पी. साहनी, सीमा कुमारी, रंजीता कुमारी, पल्लवी भारद्वाज, खुशबू सिंह, स्मृति सिन्हा, अग्रदीपा पवार, बबलू कुमार, दिनेश कुमार, टुंपा दास, मलय बर्मन, आदि।

गोपाल शुक्ला, रोहित सिंन्हा,अभिषेक अंबर, सरणजीत कौर, मनीषा कुमारी, रिम्मी कुमारी, मुकेश प्रसाद, लक्ष्मी कुमारी, अमीषा कुमारी, रुचि गुड़िया, अशोक पाल तथा अन्य सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं का सराहनीय योगदान रहा।

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