डीजीपी से मिला फेडरेशन ऑफ ऑल व्यापार संगठन का प्रतिनिधिमंडल

एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। झारखंड की राजधानी रांची की लचर ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार लाने हेतु फेडरेशन ऑफ ऑल व्यापार संगठन का प्रतिनिधिमंडल 8 अगस्त को झारखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) से भेंट की। इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल द्वारा डीजीपी को 16 बिंदुओं पर लिखित सुझाव सौंपा।

जानकारी के अनुसार फेडरेशन ऑफ ऑल व्यापार संगठन (फैव्स) के अध्यक्ष दीपेश कुमार निराला की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल डीजीपी अनुराग गुप्ता से मिलकर उनको लिखित रूप से राजधानी रांची में ट्रैफिक से संबंधित 16 बिंदुओं पर प्रमुख सुझाव दिया।

साथ हीं कहा कि वर्तमान में जिस प्रकार छोटे मालवाहक वाहनों के नो-एंट्री के समय को बढ़ाकर दिन में केवल 12 बजे से 5 तक अर्थात केवल 5 घंटे ही शहर में एंट्री स्वीकृत करने के नगर आयुक्त सह प्रशासक, रांची नगर निगम के फैसले से केवल ट्रैफिक व्यवस्था को नहीं सुधारा जा सकता है। इसके लिए कई परिवर्तन जरूरी हैं, जिससे रांची में ट्रैफिक व्यवस्था को सुगम बनाया जा सके।

साथ हीं राजधानी रांची में ट्रैफिक व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि रांची की ट्रैफिक पुलिस, रांची नगर निगम, परिवहन विभाग, रांची जिला प्रशासन, पथ निर्माण विभाग, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, ऊर्जा विभाग और जुडको साथ मिलकर समन्वय बनाकर काम करना होगा। तभी रांची में बेहतर ट्रैफिक व्यवस्था कायम कर सकते हैं। जिसके लिए कुछ सुझाव दिए गये।

दिए गये सुझाव में कहा गया कि सबसे पहले तो बेहतर ट्रैफिक संचालन के लिए हमें रांची की सड़कों और फुटपाथ को अतिक्रमण मुक्त रखना होगा। बिना सड़क और फुटपाथ को अतिक्रमण मुक्त किए रांची की ट्रैफिक व्यवस्था को कतई सुधारा नहीं जा सकता है।

राजधानी रांची की कई सड़कें जैसे ऑयलेक्स सिनेमा के सामने से हिनू चौक तक (एयरपोर्ट जाने वाला रास्ता), मोराबादी रजिस्ट्री कार्यालय के सामने वाली सड़क (फूड कोर्ट) से लेकर मान्या पैलेस तक, मेन रोड़, अपर बाजार क्षेत्र की विभिन्न सड़कें, ओसीसी कंपाउंड की सड़कें, किशोरगंज चौक, चुटिया की विभिन्न सड़कें, किशोरी यादव चौक से लेकर पिस्का मोड़ चौक तक (रातु रोड), आदि।

सिंह मोड़ चौक, डीपीएस स्कूल से डिबडीह पुल तक, प्रेमसंस मोटर्स से चांदनी चौक होते हॉलीडे होम तक की सड़क (कांके रोड), चर्च रोड, लालपुर चौक से डिस्टलरी पुल होते कोकर चौक तक, लालपुर चौक से न्यूक्लियस मॉल होते जेल मोड़ चौक तक, कचहरी चौक से किशोरी यादव चौक तक, करमटोली चौक से रिम्स होते बूटी मोड़ तक (बरियातू रोड), इत्यादि रांची के अधिकतम व्यस्त मार्ग हैं।

उक्त सड़कें और फुटपाथ पूर्ण रूप से क्लियर नहीं है। चार पहिया वाहन चालक अपनी गाड़ी की पार्किंग सड़क किनारे ही कर देते हैं, जिससे करीब आधी सड़क अतिक्रमित हो जाती है और ट्रैफिक जाम की समस्या होने लगती है। यह स्थिति को और बदहाल करता है।

कहा गया कि रांची में संचालित होने वाला ऑटो और ई-रिक्शा का बेढंग संचालन, जहां पैसेंजर दिखते हैं, वहीं वाहन रोक देते हैं। जिससे ठीक पीछे चल रहे वाहन को कई दिक्कतें होती है। कई बार एक्सीडेंट भी हो जाता है। साथ हीं ट्रैफिक जाम हो जाता है। ऐसी ही स्थिति रांची नगर निगम द्वारा संचालित हो रही सिटी बस के साथ भी देखने को मिलती है। इसलिए जरूरी है कि इनका निर्धारित वाहन पड़ाव स्थल पर ही रोक सुनिश्चित हो।

बीच सड़क में कहीं भी वाहन रोककर पैसेंजर लेने को प्रतिबंधित किया जाए। तभी ट्रैफिक को सुगम बनाया जा सकता है। ऑटो, टेंपो और ई-रिक्शा का संचालन यदि सड़क के बाएं तरफ करवाया जाए तो सड़क का दाहिना भाग दो-पहिया और चार-पहिया वाहन चालकों के सुगम परिवहन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

कहा गया कि राजधानी रांची में पार्किंग स्थल समुचित मात्रा में नहीं होने से वाहन चालकों द्वारा मजबूरन सड़कों और फुटपाथ पर वाहन को पार्क किया जाता है, जो ट्रैफिक जाम का बहुत बड़ा कारण है। इसमें सबसे बड़ा योगदान राजधानी रांची के बड़े एवं निजी अस्पताल, मॉल, बड़े प्रतिष्ठान और विभिन्न कार्यालयों का है। जिनके पास उनकी बिल्डिंग में पार्किंग स्थल नहीं है।

यहां आने वाले मजबूरन अपने वाहनों की पार्किंग सड़क और फुटपाथ पर करते हैं, क्योंकि यहां के एम्पलाई और काम करने वाले भवन के सामने जो जगह खाली है वहां पहले ही अपना वाहन पार्क कर देते हैं। ऐसे में जरूरत है रांची नगर निगम को जो जमीन नक्शा पास करने के एवज में गिफ्ट डीड के रूप में सड़क किनारे जमीन मिली है उसका सदुपयोग हो।

कहा गया कि रांची में जाम का एक कारण फुटपाथ दुकानदार, ठेले एवं खोमचे वाले भी हैं, जिनको व्यवस्थित करने के लिए भारत सरकार ने स्ट्रीट वेंडर एक्ट का प्रावधान किया है। राजधानी में कई जगह वेंडर्स मार्केट और वेजिटेबल मार्केट भी बने हैं, लेकिन इन क्षेत्रों में भी फुटपाथ अतिक्रमण मुक्त नहीं हो पाया है, जो ट्रैफिक जाम का एक बड़ा कारण है। कहा गया कि ट्रैफिक जाम का एक बड़ा कारण स्कूल बसों का अनियंत्रित ढंग से संचालन भी है।

इन स्कूल बसों के संचालन का समय निर्धारित होता है। उक्त अवधि में सड़कों पर सर्वाधिक जाम होता है, क्योंकि बस एक लेन में नहीं चलाया जाता है। पुरे सड़क पर अगल-बगल बेतरतीब ढंग से इन बड़े-बड़े स्कूल बसों का संचालन होता है, जिससे ट्रैफिक जाम होता है।

कहा गया कि रांची में ट्रैफिक सिग्नल लाइट पोस्ट की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। कई ट्रैफिक सिग्नल तो वर्षों से काम नहीं कर रहे हैं। यहां मैन्युअल ट्रैफिक संचालन ट्रैफिक पुलिस द्वारा करवाया जाता है।

जैसे उर्दू लाइब्रेरी के पास, कडरू ओवर ब्रिज के पास, रांची रेलवे स्टेशन रोड के पास, अल्बर्ट एक्का चौक के पास, एकरा मस्जिद चौक के पास, रांची ओवरब्रिज के पास, टैक्सी स्टैंड चौक, प्लाजा चौक, कर्बला चौक, इत्यादि। कई जगह ट्रैफिक सिग्नल कभी-कभी काम भी करते हैं। वहां भी अक्सर देखा जाता है कि ट्रैफिक सिग्नल बंद रहते हैं और ट्रैफिक पुलिस मैन्युअल मार्शलिंग करती है।

कहा गया कि रांची के विभिन्न मॉल जैसे कांके रोड स्थित रिलायंस मार्ट, न्यूक्लियस मॉल, मेन रोड़ स्थित कई मॉल और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स इत्यादि के सामने फूड स्ट्रीट जोन बन चुका है। आने वाले कस्टमर अपने दो-पहिया और चार-पहिया वाहनों को सड़क पर पार्क कर खान-पान करते हैं, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या विकराल होते जा रही है।

कहा गया कि रांची में ट्रैफिक जाम और एक्सीडेंट का एक प्रमुख कारण यहां विभागों में आपसी सामंजस्य नहीं होना अर्थात सड़क बनता है और कभी पेयजल वाले पाइपलाइन के लिए सड़क तोड़ते हैं और गढ्ढा करते हैं। कभी बिजली वाले लाइन बिछाने के लिए, तो कभी टेलीकॉम वाले इत्यादि कारणों से विभिन्न इलाकों में सड़कें हमेशा क्षतिग्रस्त स्थिति में रहती है, जो सुगम ट्रैफिक संचालन में बाधक है।

वर्तमान में योगदा सत्संग द्वार के पास वाली सड़क, कांटाटोली से बहू बाजार तक, कोकर, पीस रोड, निवारणपुर ओवरब्रिज, वन विभाग डोरंडा के सामने, रिम्स बरियातू रोड, राजभवन, हरमू से चापू टोली मार्ग पर सेंट लुइस प्राथमिक विद्यालय के पास, कडरू से सहजानंद चौक सिंफनी अपार्टमेंट के पास, किशोरी यादव चौक से पिस्का मोड़ हेहल पोस्ट ऑफिस तक, कोकर से विकास भाया दुर्गा चरण चौक, चेशायर रोड इत्यादि जगहों की सड़कें गढ्ढों से भरी पड़ीं हैं, जिससे एक्सीडेंट का कारण बन रहीं हैं।

कहा गया कि वर्तमान में ट्रैफिक जाम की स्थिति को देखते हुए रांची में तीन जगह फ्लाईओवर का निर्माण कार्य भी किया जा रहा है, जो कई वर्षों से चल रहा है। अपने तय समय पर पूरा नहीं हो पाया है। इन क्षेत्रों में ट्रैफिक संचालन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही यहां प्रदूषण का भी सामना करना पड़ रहा है।

नित्य इन जगहों पर एक्सीडेंट हो रहे हैं, क्योंकि वैकल्पिक मार्ग (डायवर्सन रोड) का का मरम्मत नहीं होता हैं, जिससे एक्सीडेंट के साथ-साथ ट्रैफिक संचालन में ज्यादा दिक्कत आ रही है। वहीं सड़कों की नियमित सफाई नहीं होने और सड़कों पर बालू, गिट्टी और नाली का कचरा, जल जमाव होने से सड़के भी लगातार खराब हो रही हैं।

ऑटो, बस, टैक्सी, रिक्शा, इत्यादि को इनके निर्धारित स्टैंड में लगवाने की जरुरत है। इनके परिचालन को समुचित ढंग से नियंत्रित करवाने की आवश्यकता है। साथ ही बीच सड़क में जिस प्रकार रांची नगर निगम के ठेकेदार चुंगी/टोल टैक्स वसूलने के लिए इनको बीच सड़क में ही रोक लेते हैं, जिससे ट्रैफिक संचालन में बाधा उत्पन्न होती है, उसे रोकने की जरूरत है।

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