एस. पी. सक्सेना/देवघर (झारखंड)। झारखंड के देवघर में स्थित सुप्रसिद्ध बाबा बैद्यनाथ धाम (बाबाधाम) में श्रावणी मेला का उद्घाटन बिहार-झारखंड बॉर्डर स्थित दुम्मा से किया गया। नौ तीर्थ पुरोहितों ने वैदिक मंत्रोच्चारण कर भगवान शिव का आह्वान किया।
इसके बाद झारखंड के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर और कृषि मंत्री दीपिका पांडेय ने संयुक्त रूप से परंपरागत तरीके से श्रावणी मेला का उद्घाटन किया। इससे पहले 11 वैदिक पुरोहितों ने बाबा बैद्यनाथ की पूजा की। फीता काटकर विधिवत मेले का उद्घाटन किया गया।
देवघर में श्रावणी मेले का उद्घाटन हर साल बिहार-झारखंड बॉर्डर स्थित दुम्मा में गुरु पूर्णिमा के दिन होता है। इस साल 21 जुलाई को श्रावणी मेला का उद्घाटन किया गया। श्रावणी मेले का समापन अगले माह 19 अगस्त को होगा।
मेला उद्घाटन के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की शुरूआत में देवघर जिला उपायुक्त (डीसी) विशाल सागर ने स्वागत भाषण के साथ मंत्री, अतिथियों व श्रद्धालुओं का स्वागत और आभार व्यक्त किया। डीसी ने बताया कि प्रशासन की तरफ से श्रद्धालुओं के लिए क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के निर्देश पर राजकीय श्रावणी मेला के दौरान वीआईपी, वीवीआईपी और आउट ऑफ टर्म दर्शन पूर्ण रूप से बंद रहेगा। इसके बाद मंत्री मिथिलेश ठाकुर और दीपिका पांडेय ने उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित किया।
इस अवसर पर बिहार के सुल्तानगंज से जल भरकर पैदल यात्रा कर आए कांवरियों को देवघर में प्रवेश कराया गया। यहां से 10 किलोमीटर की यात्रा कर कांवरिये 22 जुलाई को श्रावण मास के प्रथम दिवस अहले सुबह बाबाधाम स्थित शिवलिंग पर जलाभिषेक करेंगे।
पूजा व्यवस्था में ये बदलाव
जानकारी के अनुसार श्रावणी मेला में इस बार देवघर के बाबा बैद्यनाथ धाम में पूजा व्यवस्था में दो बड़े बदलाव किए गए हैं। पहले बदलाव में बाबा बैद्यनाथ की स्पर्श पूजा बंद कर दी गई है। मंदिर में अरघा सिस्टम लागू हो गया है, जिसमें श्रद्धालु शिवलिंग को स्पर्श नहीं कर पाएंगे। अरघा के माध्यम से शिवलिंग के ऊपर जलार्पण कर सकते हैं।
दूसरा बदलाव शीघ्र दर्शनम कूपन की कीमत में बढ़ोतरी की गई है। पिछले साल इस कूपन की कीमत ₹500 रुपये थी, जिसे बढ़ाकर ₹ 600 कर दिया गया है। शीघ्रदर्शनम कूपन के माध्यम से कांवरिये कम समय मे मंदिर के गर्भगृह में पहुंच सकते हैं।
कांवरिया पथ पर बिछाया गया गंगा का बालू
कांवड़ लेकर आ रहे कांवरियों को चलने में कोई परेशानी न हो, इसके लिए देवघर जिला प्रशासन ने कांवरिया पथ पर गंगा नदी का बालू बिछाया गया है। साथ ही चिलचिलाती धूप में कांवरियों को परेशानी न हो, इसके लिए पूरे 10 किलोमीटर तक जगह-जगह कृत्रिम इंद्रवर्षा की व्यवस्था की गई है।
साथ ही कांवरियों की स्वास्थ्य के लिए जगह जगह मेडिकल टीम की तैनाती की गयी है। जिला प्रशासन द्वारा यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए शौचालय, शुद्ध पेयजल एवं ठहरने की भी व्यवस्था की गई है, ताकि श्रद्धालु यहां से एक सुखद अनुभूति लेकर वापस जाएं।
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