त्रिपक्षीय वार्ता में बीएसएल प्रबंधन ने कहा बांकी मांगे एनजेसीएस के अधीन-चौधरी

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बीएसएल में कार्यरत ठेका कर्मियों की बांकी मांगे एनजेसीएस के कार्य क्षेत्र मे आता है। ठेका कर्मियों की सभी मांगे बोकारो स्टील लिमिटेड (बीएसएल) के स्तर पर मानना संभव नहीं है।

उक्त बातें बीते 11 जुलाई को प्रस्तावित हड़ताल के पूर्व 9 जूलाई को सहायक श्रमायुक्त (केन्द्रीय) धनबाद मे त्रिपक्षीय बार्ता मे 16 जुलाई को बांकी मांगो पर वार्ता के लिए तय किया गया था। इस क्रम में 16 जुलाई को ठेका कर्मियों की मांगो पर सहायक श्रमायुक्त (केन्द्रीय) धनबाद मे पुनः त्रिपक्षीय बार्ता की गयी।

वार्ता में सहायक श्रमायुक्त राघवेन्द्र कुमार कुरियार के समक्ष जय झारखंड मजदूर समाज के महामंत्री बी के चौधरी, हरेंद्र पासवान, जनता मजदूर सभा के अध्यक्ष साधुशरण गोप, एक्टू के महामंत्री देवदीप सिंह दिवाकर तथा प्रबंधन की ओर से सहायक महाप्रबंधक सैयद आरिफ हुसैन के उपस्थिति मे वार्ता हुई।

मांग पत्र सह हड़ताल नोटिस के आधार पर समान काम का समान बेतन, प्लांट मे किसी भी कारण से हुए मौत मे जिस तरह इस्पात कर्मीं के आश्रित को नियोजन दिया जाता है उसी तरह ठेका कर्मियों के आश्रित को भी नियोजन देने, ईएल की तरह सीएल और आरएच देने, प्रत्येक 4 बर्ष पर यूएसडब्लू से एसएसडब्ल्यू फिर 4 बर्ष पर एसडब्ल्यू और एचएस डब्ल्यू बनाने, साईकिल भत्ता, केन्टीन भत्ता, आदि।

रात्री पाली भत्ता, बोनस के अतिरिक्त 8,33 प्रतिशत प्रोफिट लिंक रिवार्ड स्कीम देने जैसे अहम मांगो पर प्रबंधन ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस तरह की मांगो को पूरा करना बोकारो स्टील प्लांट के स्तर पर संभव नहीं है, क्योंकि इस प्रकार की मांग को एनजेसीएस प्लेटफार्म पर उठाया जा सकता है। जिसका जबाब सेल मुख्यालय के सक्षम पदाधिकारीगण हीं दे सकते हैं।

सहायक श्रमायुक्त ने इनके जवाब का समर्थन करते हुए कहा कि बोकारो स्टील प्लांट के स्तर पर पिछले 9 जूलाई को (हड़ताल पूर्व) जो इनके दायरे मे आता है, दिया गया है। जिसमे शुगर, ब्लड प्रेशर मे पहले 28 दिन को 7 दिन किया गया। ईएसआई अस्पताल से पहले दवा नही मिलता था अब दवाई दिया जा रहा है। दवा की उपलब्धता नहीं रहने पर रिअम्बर्समेन्ट किया जा रहा है।

बायोमेट्रिक सिस्टम से हाजरी एवं पहले पैसा नही लोटाने पर मौखिक रूप से काम से हटा दिया जाता था, जिस पर रोक लगाते हुए अब लिखित मे मजदूर और बीएसएल प्रबंधन को काम से निकाले का कारण बताना होगा। जिस पर युनियन प्रबंधन के साथ मिलकर आरोप की सत्यता की जांच करेगा कि आरोप सही है या मनगढंत।

सहायक श्रमायुक्त ने अन्त मे हड़ताल नोटिस को वापस लेने का आग्रह किया, जिसे नन एनजेसीएस के तीनों युनियन ने स्वीकार किया तथा उनसे और सहायक श्रमायुक्त को स्पष्ट रूप से नन एनजेसीएस के संयोजक और जय झारखंड मजदूर समाज के महामंत्री बी के चौधरी ने कहा कि बोकारो मे पुनः एनजेसीएस अपने स्तर के मांगो को हांसिल करने के लिए मजदूरों के बीच जाकर आंदोलन के बल पर सेल प्रबंधन को एनजेसीएस के बिना अपने स्तर पर मजदूरों के मांगो को पूरा करने के लिए मजबूर करेंगे। प्रबंधन को देना होगा, क्योंकि उत्पादन और मुनाफा मे 90 प्रतिशत योगदान ठेका कर्मियों का रहता है।

ठेका कर्मियों के इस ऐतिहासिक जीत के लिए साधुवाद देते हुए पुनः आन्दोलन के लिए तैयार रहने का संदेश दिया गया। उक्त जानकारी जय झारखंड मजदूर समाज के कार्यालय मंत्री आर बी चौधरी ने 16 जुलाई को दी।

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