सिद्धार्थ पांडेय/चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम)। एशिया महादेश की विख्यात सारंडा जंगल की हरियाली खत्म होने के कगार पर है। आए दिन लकड़ी माफियाओं एवं असामाजिक तत्वों द्वारा इसकी हरियाली को खत्म कर दिया जा रहा है।
सारंडा जंगल की हरियाली को फिर से हरा भरा करने की कवायद गुवा वन विभाग पदाधिकारी परमानंद रजक द्वारा क्षेत्र के विभिन्न गांव में एक पेड़ मां के नाम अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान जेएसएलपीएस जेंडर सीआरपी की महिलाओं एवं कल्याण नगर आजिविका महिला ग्राम संगठन की महिलाओं ने वृक्षारोपण किया। यह वृक्षारोपण हिरजीहाटिंग में 14 जुलाई को किया गया।
इस अभियान के तहत ग्रामीणों को जागरूक करते हुए कहा गया कि पेड़ पौधे ही हमारा जीवन है। इसके बिना कोई जीवित नहीं रह सकता है। हमें साफ एवं शुद्ध ऑक्सीजन नहीं मिल पाएगी। इसलिए पेड़ को काटने से बचाए तथा सारंडा जंगल को हरा भरा रहने दे। कहा गया कि पर्यावरण को सुरक्षित रखने से ही हमारा जीवन बच सकता है।
रजक ने कहा कि इसलिए हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इस विश्व पर्यावरण दिवस पर हम सभी मिलकर पूरे सारंडा जंगल को फिर से हरा-भरा करने की कवायद शुरू करते हैं।
एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत जो भी ग्रामीण अपने घर के सामने पौधा लगाना चाहते हैं, वे गुवा वन विभाग कार्यालय आकर पौधा ले जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस पर ग्रामीणों के बीच पौधा वितरण किया जाता है, ताकि एशिया महादेश का यह जंगल को फिर से हरा-भरा कर सके।
ज्ञात हो कि, वर्तमान में लकड़ी माफिया द्वारा कीमती पेड़ों को काटकर बेंच दिए जा रहे हैं। जिससे सारंडा जंगल पूरी तरह सपाट हो गया है। देखा जाए तो इस वर्ष 2024 में पहली बार गर्मी का प्रकोप देखा जा रहा है। इसका मुख्य कारण पेड़ों को काटना है। रहिवासियों को ऑक्सीजन की जरूरत होती है और यही ऑक्सीजन हमारे पेड़ पौधों से ही मिलती है। इसे बचाना हम सब की जिम्मेदारी है।
इस मौके पर जेएसएलपीएस जेंडर सीआरपी ममता देवी, गीता देवी, अनुराधा राव, संजू कर्मकार, अलका पाठक, महादेवी सिंहा, रजनी देवी, नलिनी हाजरा सहित अन्य मौजूद थे।
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