मजदूर नेता स्व ईश्वरी सिंह की 31 पुण्यतिथि सादगीपूर्ण मनाया गया

ईश्वरी बाबू मजदूरों के लिए प्रेरणा स्रोत थे-वेदव्यास चौबे

एस.पी.सक्सेना/बोकारो। कोयला मजदूरों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उनके हक की लड़ाई में सदैव अग्रणी भूमिका का निर्वाह करने वाले मजदूर नेता स्वर्गीय ईश्वरी सिंह का 31वां पुण्यतिथि 27 मई को सादगी पूर्वक मनाया गया। पुण्यतिथि कार्यक्रम स्व सिंह के द्वितीय पुत्र व राकोमसं सीसीएल सचिव सह कथारा क्षेत्रीय अध्यक्ष अजय कुमार सिंह (Director Ajay kumar singh) कथारा चार नंबर स्थित आवास में आयोजित किया गया।

कथारा के श्रमिक नेता स्वर्गीय ईश्वरी बाबू का 31वा    पुण्यतिथि में शामिल राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ सीसीएल रीजनल समिति के संगठन सचिव वेदव्यास चौबे ने कहा कि पूरे मजदूर जमात का विश्वास ईश्वरी बाबू के ऊपर था। उनके कर्तव्य और व्यवहार ऐसे थे। सभी श्रमिक संगठन के लोग उनके कायल थे। वे अपने जीवन काल में मजदूरों की बुनियादी समस्याओं को लेकर प्रबंधन के सामने बेबाक बात रखने का कार्य करते थे। इनके कार्य और कार्य कुशलता के कारण प्रबंधन इनकी लोकप्रियता के सामने मांगे को मानने पर मजबूर था। चौबे ने कहा कि बेरमो कोयलांचल से लेकर पूरे सीसीएल स्तर पर स्व ईश्वरी बाबू की एक पहचान मृदुभाषी सरल व्यवहार कार्यकुशल श्रमिक नेता के रूप में थी। इनके निधन के बाद उनकी कार्यशैली के तरह दूसरा कोई व्यक्ति नहीं हो सका। समाज में हर तबके के लोगों के बीच इनकी लोकप्रियता इस बात को प्रमाणित करती थी कि लोग इन्हें अपना अभिभावक मानते थे। अन्य श्रमिक संगठन के साथियों के साथ दोस्ताना संबंध इनकी खासियत थी। मुख्यालय प्रबंधन हो या क्षेत्रीय प्रबंधन इनकी बातों की गंभीरता को देखते हुए उसे नजरअंदाज करना नामुमकिन होता था। सामाजिक कार्यों में भी उनका योगदान अमूल्य है। आज भी इनकी चर्चा हर जुबान पर प्रायः होती है।
स्व सिंह के पुत्र तथा श्रमिक नेता अजय कुमार सिंह ने कहा कि पिता के पद चिन्हों पर चलने का प्रयास निरंतर करने का सोच रखता हूं। उनके द्वारा मिला संस्कार जीवन के लिए प्रेरणा स्रोत है। कठिन परिस्थिति में भी धैर्य और हौसला रखना उन्हें पिता से सीख मिली। सिंह ने कहा कि मानव जीवन में किए गए उपकार ही जीवन की पूंजी है। इसका निरंतर प्रयास हम सबों को करते रहना चाहिए। शरीर नश्वर है लेकिन व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य समाज में अजर अमर होता है। पिता के प्रति लोगों का स्नेह और प्रेम उन्हें आज भी अच्छे कार्यों के लिए प्रेरित करता है जो मेरे जीवन की पूंजी है। आज मेरे पिता हम सबों के बीच आदर्श के रूप में जीवित हैं। हमेशा उनका मार्गदर्शन आशीर्वाद मेरे परिजनों के साथ है। उन्होंने कहा कि उनकी सोच और अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए वे संकल्पित हैं।
मजदूर नेता विश्वनाथ राज ने कहा की पिता की छाया की तरह उनका मार्गदर्शन मुझे निरंतर मिलता रहा है और सामाजिक कार्यों को करने का सीख उनसे मिला। उनके समय में गरीब और असहाय के लिए जितने सुलभ रूप से उपलब्ध होकर उनके कार्यों का परिणाम मिलता था वह मेरे जीवन के लिए आदर्श है। आज भी उनके पद चिन्हों पर चलकर सामाजिक कार्यों में अपना हांथ बटाता हूं। उनकी लोकप्रियता उनके कार्य के बल पर अन्य श्रमिक संगठन के भी साथी उनसे सहयोग लेने का कार्य करते थे। जो उनकी कार्यशैली की विशेषता थी। इस अवसर पर कथारा चार नंबर मंदिर के पुरोहित पंडित गुप्तेश्वर पांडेय, मोहम्मद नसीम, मोहम्मद शमीम, धनेश्वर यादव, स्व सिंह के बड़े पुत्र राम तपस्या सिंह, पुत्र वधू ममता सिंह पुत्र वधू अर्चना सिंह, पुत्र विजय कुमार सिंह, पुत्र वधू ममता सिंह, पौत्र अमन आकाश, नरेंद्र सिंह, पौतृ अलका सिंह, आकांक्षा सिंह, साल्वी सिंह, शगुन सिंह सहित आदित्य सिंह ठाकुर, अमरेंद्र प्रताप सिंह व अन्य शामिल थे।

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